श्रावण अष्टमी नवरात्र : शक्तिपीठों में हजारों श्रद्धालुओं ने किए मां के दर्शन
हिमाचल के शक्तिपीठों में श्रावण अष्टमी नवरात्र के अवसर पर चामुंडा देवी, बज्रेश्वरी देवी, ज्वालाजी, श्री चिंतपूर्णी और नयनादेवी जी के कपाट तड़के पांच बजे से ही खुल गए।
कांगड़ा, जेएनएन। प्रदेश के शक्तिपीठों में रविवार को श्रावण अष्टमी नवरात्र शुरू हो गए। चामुंडा देवी, बज्रेश्वरी देवी, ज्वालाजी, श्री चिंतपूर्णी और नयनादेवी जी के कपाट तड़के पांच बजे से ही खुल गए थे। पहले दिन चिंतपूर्णी में 35 हजार श्रद्धालु पहुंचे जबकि कांगड़ा के तीन शक्तिपीठों में 41 हजार ने मां का आशीर्वाद लिया। नयनादेवी में भी दिनभर भारी भीड़ रही। बारिश के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी झेलनी पड़ी।
चिंतपूर्णी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। करीब 35 हजार श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में हाजिरी लगाई और पूजाअर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। अधिकतर श्रद्धालु मंदिर के समीप चौकियां लगाकर रात को ही मंदिर खुलने का इंतजार कर रहे थे। दिन भर पूरे बाजार में भीड़ रही और दर्शनों की लाइन भी पुराने बस अड्डे तक रही।
नयनादेवी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमडऩे की उम्मीद थी, लेकिन प्रशासन शायद इसके लिए तैयार नहीं था। बीती रात को बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए पहुंच चुके थे। यहां सारी व्यवस्थाएं धरीं की धरीं रह गईं। प्रशासनिक अधिकारी भारी भीड़ में फंस गए, जिन्हें निकालने में काफी समय लग गया। कांगड़ा के मां ज्वाला की ज्योतियों के दर्शन के लिए श्रद्धालु सुबह ही मंदिर पहुंचे। मां चामुंडा नंदीकेश्वर धाम में भी श्रद्धालुओं ने श्रावण मेलों के पहले दिन माथा टेका। कांगड़ा बज्रेश्वरी माता मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने मां के जयकारे लगाए व पूजाअर्चना की। तीन शक्तिपीठों में मां के जयकारे लगाते हुए भक्त माथा टेकना पहुंच रहे हैं ।