परीक्षा में कम पड़ गए प्रश्न पत्र, तीन की बजाय छह घंटे बैठना पड़ा हाल में और अंधेरे में...
Shortage of Question paper in HPU Bcom Final Exam बीकाम चौथे सेमेस्टर की कारपोरेट अकाउंटिंग की परीक्षा में 188 प्रश्नपत्र कम पडऩे से छात्राओं को परेशानी झेलनी पड़ी।
शिमला, जेएनएन। राजधानी शिमला के राजकीय कन्या महाविद्यालय (आरकेएमवी) में बीकाम चौथे सेमेस्टर की कारपोरेट अकाउंटिंग की परीक्षा में 188 प्रश्नपत्र कम पडऩे से छात्राओं को परेशानी झेलनी पड़ी। तीन घंटे की परीक्षा छह घंटे बाद आठ बजे खत्म हुई। परीक्षा नियंत्रक ने फोटोकॉपी करवा विद्यार्थियों को प्रश्नपत्र दिए। इस दौरान कई छात्राएं परीक्षा दिए बिना घर लौट गईं जबकि कुछ पेपर अधूरा छोड़कर चली गईं।
बीकॉम चौथे सेमेस्टर का शुक्रवार को कारपोरेट अकाउंटिंग का पेपर था।
महाविद्यालय के परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों में उत्तर पुस्तिका बांट दी गईं। इसके बाद प्रश्नपत्र के बंडल खोले गए। परीक्षार्थियों की संख्या के अनुसार उसमें 188 प्रश्नपत्र कम थे। केंद्र अधीक्षक ने आनन-फानन अधिकारी को वस्तुस्थिति से अवगत करवाते हुए प्रश्नपत्र की मांग की। इसके बाद प्रश्नपत्रों की फोटो कापी करवाई गई। परीक्षा में विलंब देखते हुए परीक्षार्थियों ने शोर-शराबा शुरू कर दिया। परीक्षा नियंत्रक ने आश्वस्त किया कि अलग से समय दिया जाएगा। देर से परीक्षा शुरू होने पर अधीक्षक ने परीक्षार्थियों को अतिरिक्त समय दिया।
अंधेरे में जाने की थी चिंता
परीक्षा आठ बजे खत्म होने के चलते छात्राओं में घर लौटने की ङ्क्षचता सता रही थी। कुछ छात्राएं परीक्षा देरी से शुरू होने के कारण बिना परीक्षा दिए ही लौट गई। आरकेएमवी में अधिकांश छात्राएं ग्रामीण क्षेत्रों से आती है। शहर से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए छह बजे के बाद बहुत कम बसें जाती है। इस कारण छात्राओं को बिना परीक्षा दिए वापिस लौटना पड़ा।
अग्रवाल धर्मशाला में किया ठहरने का प्रबंध
परीक्षा देरी से समाप्त होने के कारण जो छात्राएं घर नहीं लौट सकीं, उनके ठहरने का इंतजाम कालेज प्रशासन द्वारा अग्रवाल धर्मशाला में किया गया। धर्मशाला में भी एक ही कमरे में कई छात्राओं को रुकना पड़ा और परेशानी झेलनी पड़ी।
परीक्षा केंद्र में 188 प्रश्नपत्र कम आए थे। इक्डोल के छात्र यहां परीक्षा देने पहुंचे थे, जिस कारण प्रश्न पत्र कम हुए। इससे परीक्षा देरी से शुरू हो सकी। छात्राओं को ठहरने के लिए अग्रवाल धर्मशाला में प्रबंध किया गया है। -नवेंदु शर्मा, प्राचार्य, आरकेएमवी।