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शिंकुला टनल देगी सेना को मजबूती, चिनूक हेल‍िकॉप्‍टर से किया जाएगा सर्वे, मशीनरी पहुंची केलंग

Shinkula Tunnel अटल टनल रोहतांग के बाद अब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर बनने वाली शिंकुला सुरंग भारतीय सेना को मजबूती देगी। भारत सरकार शिंकुला दर्रे में प्रस्तावित 13.5 किमी टनल के निर्माण को लेकर गंभीर हो गई है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 05:00 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 05:00 PM (IST)
शिंकुला टनल देगी सेना को मजबूती, चिनूक हेल‍िकॉप्‍टर से किया जाएगा सर्वे, मशीनरी पहुंची केलंग
12 हजार फीट की ऊंचाई पर बनने वाली शिंकुला सुरंग भारतीय सेना को मजबूती देगी।

केलंग, जसवंत ठाकुर। अटल टनल रोहतांग के बाद अब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर बनने वाली शिंकुला सुरंग भारतीय सेना को मजबूती देगी। भारत सरकार शिंकुला दर्रे में प्रस्तावित 13.5 किमी टनल के निर्माण को लेकर गंभीर हो गई है। डेनमार्क के इंजीनियर शुक्रवार को 500 किलो बजनी एंटीना से एईएम सर्वे करेंगे। सर्वे में प्रयोग होने वाले सभी उपकरण बुधवार केलंग पहुंचा दिए गए हैं। डेनमार्क के इंजीनियर वीरवार को केलंग के सतींगरी पहुंचेंगे। वीरवार दोपहर बाद ट्रायल के तौर पर उड़ान भरेंगे और सतींगरी व आसपास के क्षेत्र का दौरा करेंगे।

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शुक्रवार को इंजीनियर एंटीना से जांस्कर रेंज में 600 मीटर गहराई तक भूगर्भीय सर्वे करेंगे। दस हजार फीट पर अटल टनल बनने से सेना को मजबूती मिली है। लेकिन भारत अब इससे भी ऊंचाई पर विश्व की सबसे लंबी ट्रैफिक टनल बना रहा है, इससे कारगिल सहित लेह लद्याख को 12 महीने मनाली से जोड़ा रखा जा सकेगा। 

साढ़े 16 हजार फीट ऊंचे शिंकुला दर्रा के नीचे समुद्रतल से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर 13.5 किलोमीटर लंबी टनल बनने जा रही है। टनल का निर्माण कार्य जल्द शुरू करने के लिए राष्ट्रीय उच्चमार्ग एवं अधोसंरचना विकास प्रधिकरण अब वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद लेने जा रही है।

डेनमार्क के तीन इंजीनियर 16 अक्‍टूबर से चिनूक में उड़कर शिंकुला टनल का हवाई सर्वे करेंगे। दो दिन तक चलने वाली इस सर्वे के दौरान मैकेनिकल और भूगर्भीय वैज्ञानिक शिंकुला टनल के साथ लगती जांस्कर रेंज के करीब 600 मीटर गहराई तक जांच करेंगे। सर्वे से पहले वीरवार को चिनूक हेलीकॉप्टर में करीब 500 किलो बजनी डेनमार्क का एंटीना फिट किया जाएगा, जिसकी मदद से इंजीनियर पहाड़ के भीतर 600 मीटर की गहराई  से जांच करेंगे।  एयरबोर्न इलेक्ट्रो मैग्नेटिक हवाई सर्वे के बाद टनल का निर्माण भी शीघ्र होने की उम्मीद है। सर्वे में डेनमार्क और गुजरात के इंजीनियर भी शामिल होंगे।

राष्ट्रीय उच्चमार्ग एवं अधोसंरचना विकास प्रधिकरण के डीजीएम अनिल ने बताया वीरवार को सतींगरी हेलीपैड में वायु सेना का चिनूक हेलीकॉप्टर उतरेगा। वीरवार को सतींगरी व आसपास के क्षेत्र में ट्रायल किया जाएगा तथा शुक्रवार को शिंकुला दर्रे का हवाई सर्वे किया जाएगा। उन्होंने कहा सर्वे के बाद जल्द शिंकुला टनल का टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।


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