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    Videoः देखते ही देखते ध्वस्त हो गया शिमला की कच्चीघाटी में सात मंजिला भवन, लोग बचाए

    By Vijay BhushanEdited By:
    Updated: Thu, 30 Sep 2021 08:40 PM (IST)

    शिमला के कच्चीघाटी में सात मंजिला भवन देखते ही देखते ध्वस्त हो गया। इस भवन को दोपहर बाद से खतरा मंडराने लगा था। शाम को लगभग छह बजे भवन पूरी तरह से गिर गया। इस दौरान किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

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    शिमला के कच्ची घाटी में सात मंजिला इमारत गिरी। वीिडयो ग्रैब

    शिमला, जागरण संवाददाता। शिमला शहर में बारिश ने फिर से कहर बरपाया है। कच्चीघाटी में सात मंजिला भवन देखते ही देखते ध्वस्त हो गया। इस भवन को दोपहर बाद से खतरा मंडराने लगा था। शाम को लगभग छह बजे भवन पूरी तरह से गिर गया। इस दौरान किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। प्रशासन ने एहतियातन और इसके साथ लगते वह उनको पूरी तरह से खाली करवा लिया था। इसके साथ ही आसपास के लगभग दर्जन भर से ज्यादा भवनों पर खतरा मंडराने लगा है। दोपहर बाद भूस्खलन होना शुरू हो गया था। लगभग 2:30 बजे नगर निगम के डिप्टी मेयर शैलेंद्र चौहान निगम के वास्तुकार देवेंद्र मिस्टा, जिला प्रशासन के अधिकारी और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। होमगार्ड से लेकर अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों को भी मौके पर तैनात कर दिया है। किसी भी तरह से जानी नुकसान न हो इसलिए सभी लोगों को वहां से पहले ही हटा दिया था। इसके साथ ही लोगों को हिदायत दिया कि घरों में रखे बहुमूल्य सामान और दस्तावेजों को साथ ही निकाल लें। शाम छह बजे बहुंमंजिला भवन धराशयी हो गया। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने मौके पर पहुंच कर पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। यदि कोई मानवीय गलती पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी। उनके साथ पूरा प्रशासनिक अमला भी मौके पर मौजूद रहा।

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     वीडियोः

    साडा के समय में पास हुआ है सात मंजिल भवन

    कच्ची घाटी में बना सात मंजिला भवन साडा के समय में पास हुआ था। शिमला के न्यू मर्ज एरिया के क्षेत्रों में 1998 से लेकर 2003 तक कई क्षेत्र साडा यानी स्पेशल एरिया डेवलपमेंट अथारिटी के तहत राज्य सरकार की ओर से एक रिटेंशन पालिसी भी आई, इसमें कई भवनों को मंजूरी दे दी गई थी। इन्हीं में से एक भवन यह भी शामिल था। कच्ची घाटी के भवन निर्माण पर हमेशा उठते रहे हैं। कच्ची घाटी में बहुमंजिला भवनों के निर्माण पर हमेशा से ही सवाल उठते रहे हैं शुरू से इसे सिंह सिंकिंग जोन माना जाता था। इसके बावजूद यहां पर बहुमंजिला भवन के अलावा बड़े-बड़े होटलों का निर्माण हुआ है। अब बरसात के बाद थोड़ा सा भी पहाड़ का खिसकना दर्जन भर वाहनों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। इसमें रह रहे लोगों को मजबूरन आप प्रशासन को घरों से हटाना पड़ रहा है। इन्हें आईपीएच और पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस में शिफ्ट किए हैं। जिला प्रशासन की ओर से इन भवनों में रह रहे लोगों को बचाने के लिए तारा देवी में लोक निर्माण विभाग और आइपीएच विभाग के गेस्ट हाउस में शिफ्ट करने का फैसला लिया है।

    जान-माल बचाने के लिए प्रशासन के प्रयास जारी

    जिला उपायुक्त आदित्य नेगी ने कहा कि लोगों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें शिफ्ट करने का काम किया है। साथ ही नुकसान को कैसे कम किया जा सकता है । इस पर भी काम करने के संबंधित विभाग को निर्देश जारी कर दी है।