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बैजनाथ मंद‍िर में सुरक्षा व्‍यवस्‍था में खामी, मंदिर ट्रस्टी के ही पैसे ले उड़े चोर

विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर बैजनाथ की सुरक्षा आजकल राम भरोसे ही चल रही है।

By Edited By: Published: Thu, 22 Nov 2018 09:42 PM (IST)Updated: Fri, 23 Nov 2018 11:35 AM (IST)
बैजनाथ मंद‍िर में सुरक्षा व्‍यवस्‍था में खामी, मंदिर ट्रस्टी के ही पैसे ले उड़े चोर
बैजनाथ मंद‍िर में सुरक्षा व्‍यवस्‍था में खामी, मंदिर ट्रस्टी के ही पैसे ले उड़े चोर

जितेन्द्र कौशल, बैजनाथ। विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर बैजनाथ की सुरक्षा रामभरोसे ही चल रही है। मंदिर प्रशासन की लापरवाही से बुधवार को मनाया गया बैकुंठ चौदस पर्व में अव्यवस्था दिखी। अखरोटों की बारिश के दौरान मंदिर ट्रस्टी एवं बैजनाथ व्यापार मंडल के प्रधान अनिल शर्मा के 7800 रुपये गायब हुए हैं। साथ ही सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता विनोद सूद के भी लगभग 5000 रुपये पर चोरों ने हाथ साफ किया है। इतना ही नहीं श्रद्धालुओं के तीन मोबाइल फोन भी चोरी हुए हैं।

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इसके अलावा कुछ लोगों का सामान भी गायब हुआ है पर वे अभी तक कुछ भी खुलकर बोलने के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि  बैजनाथ शिव मंदिर में सीसीटीवी कैमरे सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए हैं पर हैरानी की बात यह है कि कैमरे बुधवार सायं 6.30 से लेकर वीरवार सुबह 10.00 बजे तक बंद पड़े थे। इससे पहले भी कई बार कैमरे अक्सर खराब ही रहते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि मंदिर प्रशासन किसी ऐसे व्यक्ति की जवाबदेही तय करे। मंदिर न्यासी अनिल शर्मा ने बताया कि वीरवार सुबह सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखने गए तो पता चला कि ये बुधवार सायं से ही बंद पड़े थे।

उन्होंने बताया कि कैमरे कैसे बंद थे, इसकी जांच की जाएगी। साथ ही इस बाबत उच्चाधिकारियों से भी शिकायत की जाएगी। इस मामले में वीरवार को आपात बैठक का आयोजन मंदिर न्यास ने किया। न्यास पदाधिकारियों ने इस अव्यवस्था के लिए मंदिर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। इनका कहना था कि इस दौरान न तो कोई अधिकारी मौके पर था और न ही सुरक्षा कर्मचारी।

उन्होंने कहा कि मंदिर की सुरक्षा को लेकर कोई पहल नहीं हो रही है। न्यास सदस्यों ने कहा कि इस मामले को उच्चाधिकारियों से उठाया जाएगा। ट्रस्टी अनिल शर्मा ने बताया कि मंदिर में न तो लाइटों की उचित व्यवस्था थी और न ही सुरक्षा का इंतजाम। उन्होंने कहा कि रात को मंदिर प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था। बैठक में चर्चा की गई कि प्रशासन द्वारा पिछले तीन वर्षों से मंदिर की दोनों पार्किंग व प्रसाद की दुकान की बोली भी नहीं करवाई गई है।


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