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कोरोनाकाल में भी युवाओं के लिए संकटमोचक बने संजय पराशर

कोरोना काल में सब कुछ रुका हुआ है। ऐसी स्थिति में कैप्टन संजय पराशर प्रदेश के युवाओं के लिए संकटमोचक बने हैं। प्रदेश के युवाओं को हिमाचल के तीन मर्चेंट नेवी कार्यालयों के माध्यम से रोजगार की गारंटी और एजेंटगिरी से बड़ी राहत मिलती हुई दिख रही है।

By Vijay BhushanEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 11:39 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 11:39 PM (IST)
समाज सेवी व वीआर मैरीटाइम कंपनी के संचालक कैप्टन संजय पराशर। जागरण आर्काइव

डाडासीबा, संवाद सूत्र। कोरोना काल में जब युवाओं को रोजगार की दरकार है और कोरोना की दूसरी लहर में एक तरह से पिछले समय में सब कुछ रुका हुआ है। ऐसी स्थिति में कैप्टन संजय पराशर प्रदेश के युवाओं के लिए संकटमोचक बने हैं। प्रदेश के युवाओं को हिमाचल के तीन मर्चेंट नेवी कार्यालयों के माध्यम से रोजगार की गारंटी और एजेंटगिरी से बड़ी राहत मिलती हुई दिख रही है। कोरोना संकट के बीच बुधवार को जिला कांगड़ा व ऊना के नौ युवाओं को मर्चेंट नेवी के विभिन्न कोर्स के लिए अपनी ओर से स्पांसरशिप देकर नौकरियों के द्वार खोले हैं। जीपी रेटिंग में बेह के सौरभ, नैहरनपुखर के निखिल शर्मा, कांगड़ा के अनिकेत मन्हास और जसवां-परागपुर के स्वाणा गांव के अनुज पराशर का चयन हुआ है जबकि सर्टिफिकेट कोर्स आफ इन मैरीटाइम केटङ्क्षरग (सीसीएमसी) में रामनगर चन्नौर के सोमवीर , डाडासीबा के नंगल चौक से इशान चौधरी, स्वाणा के अभिषेक, बेह टोंटा के रजत और ऊना के हरप्रीत  को स्पांसरशिप मिली है। कोरोना काल शुरू होने के बाद पराशर 200 से ज्यादा युवाओं को रोजगार से जोड़ चुके हैं। युवा अभिषेक और निखिल ने बताया कि पराशर ने पहले बेविनार के माध्यम से उन्हें जरूरी जानकारी उपलब्ध करवाई। उसके बाद उन्होंने रोजगार के द्वार तक पुहंचाकर उनका भविष्य सुरक्षित कर दिया है।

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जहाज और कायार्लयों मेें एक वर्ष के भीतर दो सौ से ज्यादा नौकरियां

कैप्टन संजय पराशर ने अपनी हिमाचल की पहली शिपिंग कंपनी वीआर मैरीटाइम के कार्यालयों के माध्यम से 175 युवाओं को जहाज पर तो तीस युवाओं को अपनी कंपनी के मुंबई कार्यालय में तथा 24 को रक्कड़, डाडासीबा और ङ्क्षचतपूर्णी कार्यालयों में नौकरी प्रदान की है। आगामी एक वर्ष में वह पांच सौ युवाओं को इस क्षेत्र में रोजगार से जोड़ेंगे।

स्वाणा और आसपास के गांवों में तीस युवा मर्चेंट नेवी में

कैप्टन संजय पराशर का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अपने पैतृक गांव स्वाणा और आसपास के क्षेत्रों में जाकर लोगों को मर्चेंट नेवी के बारे में जागरूक किया। परिणामस्वरूप आज जसवां परागपुर विस क्षेत्र के स्वाणा और नजदीकी गांवों के 30 परिवारों के बच्चे समुद्री जहाजों पर मर्चेंट नेवी नाविकों के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।


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