राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिमाचल सरकार के मंत्रियों से उपचुनाव में हार की फीडबैक लेना किया शुरू, पढ़ें खबर
Himachal Pradesh Govt राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जयराम सरकार के मंत्रियों से उपचुनाव में हुई हार की फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। शिमला में मंगलवार को संघ के स्वयंसेवक ने एक कैबिनेट मंत्री के घर चार उपचुनाव में भाजपा की हार के कारणों पर चर्चा की।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Pradesh Govt, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जयराम सरकार के मंत्रियों से उपचुनाव में हुई हार की फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। शिमला में मंगलवार को संघ के स्वयंसेवक ने एक कैबिनेट मंत्री के घर जाकर नाश्ता किया और राज्य में चार उपचुनाव में भाजपा की हार के कारणों पर चर्चा की। इसी तरह से सरकार के अन्य मंत्रियों से भी फीडबैक लिया जाएगा। संघ मंत्रियों की राज्य सचिवालय में उपस्थिति, प्रदेश में दौरे और अपने विधानसभा क्षेत्रों में मौजूदगी के बारे में जानकारी ले रही है। उपचुनाव में हार के बाद भाजपा आलाकमान लगातार पराजय के कारणों को टटोलने में लगा है।
सरकार के खिलाफ रोष के साथ-साथ भितरघात व मंत्रियों की कार्य प्रणाली को लेकर भी फीडबैक ली जा रही है। इसके के बाद रिपोर्ट भाजपा हाईकमान को भेजी जाएगी। इसके बाद पार्टी नेतृत्व विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाएगा। हार की वजह जानने के बाद ही पार्टी नेतृत्व कोई फैसला लेगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बीते अक्तूबर माह में हुए तीन विधानसभा व मंडी लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। हार के कारणों को जानने के मद्देनजर पार्टी की तीन दिवसीय कार्यसमिति व कोर ग्रुप की बैठक में चर्चा हुई। इसके बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने भितरघात, अति आत्मविश्वास तथा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मृत्यु के बाद सहानुभूति की लहर को हार की वजह बताया। बेशक प्रदेश भाजपा कार्यसमिति ने हार के लिए इन तीन कारणों को मानते हुए हाई कमान को रिपोर्ट दे दी हो, बावजूद इसके हाई कमान अपने स्तर पर भी चुनावी पराजय की वजह जानने का प्रयास कर रही है।
संगठन या मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना कम
हाईकमान विभिन्न माध्यमों, भाजपा व संघ परिवार से जुड़े संगठनों के माध्यम से हार के कारणों को तलाश रहा है। किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले मंत्रियों की कार्य प्रणाली, सचिवालय में उनकी उपस्थिति के साथ साथ भितरघात व अन्य वजह को लेकर फीडबैक लिया जा रहा है। विभिन्न माध्यम से रिपोर्ट आने के बाद ही भाजपा हाईकमान कोई निर्णय लेगा। लिहाजा रिपोर्ट आने तक प्रदेश भाजपा संगठन या मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना कम ही है।