संघ ने दिया मुख्यमंत्री को खुला हाथ, बदल दो खराब परफार्मेंस वाले मंत्री
संघ व भाजपा के चिंतन के बाद सरकार व संगठन में फेरबदल की संभावना बढ़ गई है। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप व प्रदेश महामंत्री पवन राणा के साथ दो दिन तक चिंतनके बाद इस चर्चा को बल मिला है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व भाजपा के शिमला के नाभा में चिंतन के बाद सरकार व संगठन में फेरबदल की संभावना बढ़ गई है। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप व प्रदेश महामंत्री पवन राणा के साथ दो दिन तक चिंतनके बाद इस चर्चा को बल मिला है। संघ पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को खुला हाथ देते हुए बिना किसी दबाव के काम करने की सलाह दी है। संघ ने साफ कहा है कि सरकार में मंत्री के बने रहने का आधार सिर्फ परफार्मेंस ही होना चाहिए। यदि किसी मंत्री की परफार्मेंस सही नहीं है तो उसे तुरंत बदल दें। इसी फार्मूले को संगठनात्मक स्तर पर अपनाए जाने की सलाह दी गई है।
बैठक में सरकार व संगठन की कमजोर कडिय़ों के अलावा अफसरशाही की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे। उन अधिकारियों पर नकेल कसने को कहा गया है, जिनके कारण पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर आम आदमी के कार्यों में अनावश्यक विलंब हो रहा है। इससे स्पष्ट है कि जिसकी परफार्मेंस सही नहीं है, उसके स्थान पर बेहतर काम करने वाले को मौका मिलेगा। साथ ही मिशन रिपीट की राह में जो भी अड़चनें आ रही हंै, उसे दूर किया जाएगा।
नड्डा फार्मूले पर हो अमल
संघ ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के फार्मूले पर सख्ती से अमल करने को कहा। इसमें उन मंत्री व विधायकों को परफार्मेंस सुधारने के लिए अंतिम अवसर देने की बात कही गई है, जिनका रिपोर्ट कार्ड सही नहीं है। ऐसे में यदि नेता कुछ माह के भीतर रिपोर्ट कार्ड सुधार लेते हैं तो उनकी कुर्सी बची रह सकती है। इसके बावजूद टिकट का आधार सर्वे व परफार्मेंस ही होगा। यही वजह है कि मंत्री से लेकर विधायक अब अपने विधानसभा क्षेत्रों में नजर आने लगे हैं।
संगठन के साथ नियमित बैठक : जयराम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने संघ पदाधिकारियों से हुई बैठक को संगठन के साथ होने वाली नियमित बैठक का हिस्सा बताया। उन्होंने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि कोई विशेष बैठक नहीं हुई है। इस ङ्क्षचतन में यह चर्चा हुई है कि सरकार व संगठन मिलकर कैसे आगे बढ़ सकते हैैं।
2022 की चुनौती समन्वय से पार करने का संकल्प
मंथन में 2022 की चुनौती को संयुक्त रूप से बेहतर समन्वय के साथ पार करने का भी संकल्प लिया गया। कैसे एकजुट होकर जनता के बीच जाना है और उसकी बेहतरी के लिए कैसे काम करना है, इस पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में आगे क्या रोड मैप रहेगा, इसका भी खाका तैयार किया गया।