आरकेएस बैठक में एसडीएम के सामने एसएमओ पद के लिए भिड़ गए डॉक्टर Kangra News
Dispute in Doctors सिविल अस्पताल जवाली में आयोजित रोगी कल्याण समिति में एसएमओ पद के लिए दो डॉक्टरों की बहसबाजी मुख्य मुद्दा रहा।
जवाली, जेएनएन। सिविल अस्पताल जवाली में बुधवार को रोगी कल्याण समिति की बैठक में एसएमओ पद के लिए दो डॉक्टरों में झड़प हो गई। इस कारण विकासात्मक मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकी। रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन एवं एसडीएम जवाली सलीम आजम व बीएमओ डॉ. मोहन चौधरी के समक्ष ही यह घटना हुई। एक डॉक्टर खुद को स्पेशलिस्ट बता रहा था तो दूसरा अपने लंबे कार्यकाल का हवाला दे रहा था। अभी भले ही सीनियर डॉक्टर मेंबर सेक्रेटरी हैं, लेकिन अस्पताल में एसएमओ का कार्यभार अन्य डॉक्टर देख रहा है।
डॉ. अमन दुबे ने कहा कि भले ही वह मेंबर सेक्रेटरी हैं, लेकिन एसएमओ का कार्यभार डॉ. संजीव को दे दिया गया है, जो कि काफी जूनियर हैं। इसके अलावा नवनियुक्त एसएमओ डॉ. संजीव उन्हें जानबूझकर परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ड्यूटी रोस्टर में उनकी रात्रि ड्यूटी लगाई जा रही है जबकि अपनी व पत्नी की नाइट ड्यूटी नहीं लगाई जा रही है। तर्क दिया कि आखिरकार उनके साथ ही ऐसा क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके लंबे कार्यकाल को नजरअंदाज कर जूनियर डॉक्टर को एसएमओ बनाया जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी व डॉक्टर
- बैठक में एसएमओ पद के लिए दो डॉक्टरों ने आपस में बहस की है। कौन एसएमओ होगा, इस बाबत फैसला स्वास्थ्य विभाग ही करेगा। -सलीम आजम, आरकेएस चेयरमैन एवं एसडीएम जवाली।
- पहले जिस डॉक्टर के पास एसएमओ का कार्यभार था, वह ड्यूटी सही ढंग से नहीं करता था और उसकी शिकायत आई है। स्टाफ से भी शिकायत मिल रही थी। एक-दो दिन में फैसला हो जाएगा कि एसएमओ कौन रहेगा। -डॉ. मोहन चौधरी, बीएमओ जवाली
- मुझे जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है। पत्नी डॉक्टर ऑन ड्यूटी होती है। जब भी अस्पताल में डिलीवरी आती है तो उन्हें आना ही पड़ता है। मैं भी रात्रि ड्यूटी लगाता हूं। अभी मैं मेंबर सेक्रेटरी नहीं हूं। मेरा ध्यान अस्पताल में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने की ओर है। -डॉक्टर संजीव, कार्यकारी एसएमओ।