कांगड़ा में पेंशन व अन्य मांगों को लेकर सेवानिवृत्त केसीसी बैंक कर्मचारी संगठन ने निकाली रोष रैली
कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने पेंशन व अन्य मांगों को लेकर रोष रैली निकाली। शहीद स्मारक से बैंक तक निकाली रोष रैली व केसीसी बैंक के प्रांगण में कुछ समय के लिए धरना दिया।चिकित्सा प्रतिपूर्ति भत्ता व बैंक की अनियमितताओं को लेकर ज्ञापन भेजा है।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने पेंशन व अन्य मांगों को लेकर रोष रैली निकाली। शहीद स्मारक से बैंक तक निकाली रोष रैली व केसीसी बैंक के प्रांगण में कुछ समय के लिए धरना दिया और उसके बाद जिलाधीश कांगड़ा के कार्यालय में पहुंच कर उनके माध्यम से मुख्यमंत्री को पेंशन व चिकित्सा प्रतिपूर्ति भत्ता व बैंक की अनियमितताओं को लेकर ज्ञापन भेजा है।
यह बोले एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमेर सिंह राणा
एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमेर सिंह राणा ने कहा कि 31 मार्च 2010 के बाद के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। सेवाकाल के दौरान एक जनवरी 1998 को बैंक द्वारा एक पेंशन ट्रस्ट बनाया गया। इसके फरस्वरूप एक सीसीएस, सीसीए नियमों पर आदारि पेंशन स्कीम सन 1988 से लागू की गई। इस पेंशन योजना में 2 साल तक अंशदान किया। बैंक ने 31 मार्च 2010 को बिना कारण बताए व बिना मौका दिए हमारा अंशदान इस योजना में लेना बंद कर दिया। एक अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2015 तक बैंक ने न किसी कर्मचारी का अंशदान लिया और न ही किसी सेवानिवृत्त कर्मचारी को पेंशन दी।
इसके बाद सेवानिवृत्त कर्मचारी विभिन्न मंचों से पेंशन की मांग की गई तो बैंक ने एक प्राइवेट पार्टिसिपेटिव पेंशन स्कीम बनाई। बैंक ने एक अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2015 के मध्य सेवानिवृत्त हुए किसी भी कर्मचारी को पेंशन नहीं दी। जिस पेंशन स्कीम के तहत 22 वर्ष तक अंशदान दिया वह पेंशन लगी ही नहीं। इस तरह से बैंक ने भारत के संविधान के अनुछेद 14 व 16 का उल्लंघन किया है। इस समय सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ओपीडी का चिकित्सा भुगतान नहीं मिल रहा है। इस लिए मांग है कि बैंक के सेवारद कर्मचारियों के समकक्ष चिकित्सा सुविधा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी दी जाए। उन्होंने बताया कि उस वक्त के महाप्रबंधक सहिति अन्य महानुभावों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। इस ज्ञापन की प्रति सचिव सहकारिता हिमाचल प्रदेश, पंजीयक सहकारी सभाएं शिमला, प्रबंध निर्देशक केसीसी बैंक को भी दी है।