शिमला में 42 वर्षों के बाद अप्रैल में सबसे अधिक वर्षा, कल्पा में बर्फबारी का बीस वर्षों का रिकार्ड टूटा
शिमला में अप्रैल में चौबीस घंटों के दौरान 42 वर्षों के बाद सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। जबकि कल्पा में अप्रैल माह में सबसे अधिक बर्फबारी का बीस वर्षों का रिकार्ड टूट गया है। मौसम विभाग के पास कल्पा में बर्फबारी का बीस वर्षों का रिकार्ड उपलब्ध है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। शिमला में अप्रैल माह में चौबीस घंटों के दौरान 42 वर्षों के बाद सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। जबकि कल्पा में अप्रैल माह में सबसे अधिक बर्फबारी का बीस वर्षों का रिकार्ड टूट गया है। मौसम विभाग के पास कल्पा में बर्फबारी का बीस वर्षों का रिकार्ड उपलब्ध है। कल्पा में अभी तक अप्रैल माह में 70 सेंटीमीटर बर्फ गिर चुकी है जबकि इससे पूर्व अप्रैल 2014 में 30 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज है। शिमला में बीते चौबीस घंटों के दौरान 82.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इससे पूर्व 15 अप्रैल 1979 को 111.1 मिलीमीटर चौबीस घंटों के दौरान बारिश दर्ज की गई थी। नारकंडा सहित केलंग, कल्पा सहित अन्य क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी और अन्य क्षेत्रों में वीरवार देर रात से लेकर वर्षा का क्रम रुक-रुक कर जारी रहा।
बीते चौबीस घंटों की बारिश और बर्फबारी ने एक साथ दो सीजन दिखा दिए हैं। ठेड के कारण ऐसा लग रहा है कि जनवरी का महिना हो और लगातार बारिश के क्रम से बरसात का अहसास करवा दिया। प्रदेश में 251 सड़कों के साथ 631 ट्रांसफार्मर खराब हैं। इसके कारण यातायात और बिजली आपूर्ति बाधित है।
ओलावृष्टि और ताजा बर्फबारी के कारण पेडों और फलों को नुकसान पहुंचा है। कई स्थानों पर ओलों से बचाने के लिए पेडों में लगाई गई जाली भी टूट गई। लगातार बारिश के जारी रहने से सूखे से निजात मिली है और पानी का स्तर जो नीचे चला गया था उसमें सुधार हुआ है। प्रदेश में अप्रैल माह बीते चौबीस घंटों के दौरान 600 से 1100 फीसदी तक सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में बीते चौबीस घंटों के दौरान तीन से चार डिग्री तक तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।