पुलिस की नौकरी व वैवाहिक जीवन में सामंजस्य बिठाकर कुश्ती के दंगल में रानी, जानिए कहानी
रानी न केवल प्रदेश पुलिस में बतौर हेड कांस्टेबल ड्यूटी को पूरी निष्ठा से निभा रही है बल्कि परिवार को संभालने के साथ-साथ कुश्ती में भी जाैहर दिखा रही है।
जसूर, अश्वनी शर्मा। मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा से यदि किसी कार्य को अंजाम दिया जाए तो एक दिन सफलता अवश्य कदम चूमती है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं तो कभी केवल पुरुषों के लिए पहलवानी का खेल होने के मिथक को भी तोड़कर इस क्षेत्र में भी दो-दो हाथ दिखा रही हैं। अपने आप में एक ऐसी ही मिसाल लिए प्रदेश के सोलन जिला से संबंधित 26 वर्षीय महिला पहलवान रानी है, जो न केवल प्रदेश पुलिस में बतौर हेड कांस्टेबल ड्यूटी को पूरी निष्ठा से निभा रही है, बल्कि परिवार को संभालने के साथ-साथ कुश्ती में भी जाैहर दिखा रही है। रानी कुश्ती ही नहीं बल्कि जुडडो खेल में भी पूरी तरह से माहिर है। पहलवानी के साथ साथ रानी ने जुडडो खेल में भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिल्वर, कांस्य और गोल्ड मेडल जीते हैं। प्रदेशभर के सबसे बड़े दंगल में शुमार कस्बा गंगथ में हो रहे महादंगल में भाग लेने पहुंची पहलवान रानी से दैनिक जागरण से विशेष बातचीत की, जिसमें रानी ने अपने विचार साझा किए।
पारिवारिक पृष्ठ भूमि
रानी पुत्री मीन बहादुर मूलत: सोलन की रहने वाली हैं। परिवार में चार भाई बहन हैं। रानी दूसरे नंबर पर है। बचपन से ही जुडडो और कुश्ती खेल का शौक था, जो धीरे-धीरे लक्ष्य बनता गया।
शिक्षा व खेल का सफर
स्नातक तक शिक्षित रानी ने काॅलेज के समय में ही जुडडो खेल में राष्ट्रीय स्तर पर ब्राउंज और सिल्वर मेडल जीता और आल इंडिया यूनिवर्सिटी लेवल पर गोल्ड मेडल विजेता रही। 2016 में खेल कोटे से हिमाचल पुलिस में बतौर सिपाही भर्ती हुईं। 2018 में विशाखापट्नम में हुई राष्ट्रीय जुडडो प्रतियोगिता में रानी ने गोल्ड मेडल जीतकर हिमाचल पुलिस का नाम रोशन किया और 2018 में उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुई नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता में ब्रांज मेडल हासिल किया। वर्तमान में सोलन में बतौर हेड कांस्टेबल सेवाएं दे रही हैं।
शादी के बाद खेलों में कैसे बैठाया सामंजस्य
मार्च 2019 में रानी सोलन के ही एक व्यवसायी से विवाह बंधन में बंधी। लेकिन अपनी खेल प्रतिभा से मुंह नहीं मोड़ा। रानी ने कहा गृहस्थ जीवन, पुलिस की नौकरी के साथ-साथ अपनी खेल प्रतिभा को और भी कड़ी मेहनत से आगे बढ़ाती जा रही हूं। खेल प्रतिभा को निखारने के लिए पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों का बहुत अधिक सहयोग मिलता रहा तो उनके पति ने भी उसे उक्त क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए लगातार सहयोग दिया है।
नहीं मिलता था स्थानीय दंगल में मौका
प्रदेशभर में हो रहे अधिकांश दंगलों में पहले तो मौका ही नहीं मिलता था। लेकिन बीते कुछ साल से बदलाव आया है, कुछेक दंगलों में महिला वर्ग की कुश्ती करवाई जा रही है। रानी ने कहा लेकिन अभी तक यह मौके नाकाफी है। हरियाणा और पंजाब में महिला वर्ग से अनेक लड़कियां आज सफल पहलवान के तौर पर सामने आ रही हैं ।
महिला वर्ग और सहभागिता बढ़ाए
रानी ने कहा आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरष वर्ग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहीं हैं। लेकिन महिला वर्ग को अपनी और अधिक सहभागिता बढ़ानी चाहिए। रानी ने प्रदेश की लड़कियों से आह्वाहन किया कि वह अन्य खेलों की तरह कुश्ती के खेल में भी आगे बढ़कर भाग लें और अपने आप को कतई कमजोर न समझें। यदि परिश्रम निष्ठा से किया जाए तो फिर एक दिन सफलता जरूर कदम चूमती है।
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