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35 की जान लील गई बेरहम बरसात

जिला कांगड़ा में अब तक बरसात 35 लोगों की जान लील गई है। 12 जुलाई को बोह के रुलेहड़ गांव में भूस्खलन के कारण मलबे में दबने से 10 लोग एक साथ काल का ग्रास बने थे। इसके अलावा 46 मवेशियों को भी बरसात लील गई है। अब तक जिले में बरसात से 9317.348 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा क्षति लोक निर्माण विभाग को 7982.8416 लाख रुपये की हुई है। जल शक्ति विभाग के 837.8038 लाख रुपये की परियोजनाएं बारिश में बह गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 04:19 AM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 04:19 AM (IST)
35 की जान लील गई बेरहम बरसात
35 की जान लील गई बेरहम बरसात

जिला कांगड़ा में अब तक बरसात 35 लोगों की जान लील गई है। 12 जुलाई को बोह के रुलेहड़ गांव में भूस्खलन के कारण मलबे में दबने से 10 लोग एक साथ काल का ग्रास बने थे। इसके अलावा 46 मवेशियों को भी बरसात लील गई है। अब तक जिले में बरसात से 9317.348 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा क्षति लोक निर्माण विभाग को 7982.8416 लाख रुपये की हुई है। जल शक्ति विभाग के 837.8038 लाख रुपये की परियोजनाएं बारिश में बह गई हैं। इसके अलावा 97 मकान जमींदोज हुए हैं, जबकि 165 को आंशिक रूप से क्षति हुई है। हालांकि अभी बरसात थमी नहीं है और इस कारण नुकसान का आंकड़ा और बढ़ सकता है। उपायुक्त कार्यालय में रोजाना बरसात से हुए नुकसान की रिपोर्ट दर्ज की जा रही है।

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12 जुलाई को बरपा था कहर

कांगड़ा जिले में 12 जुलाई को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। इस दिन शाहपुर हलके के तहत बोह घाटी के रुलेहड़ में भूस्खलन हुआ था और मकान मलबे में दब गए थे। हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी। साथ ही कई परिवार बेघर हो गए थे। इसी दिन मांझी खड्ड में जलस्तर बढ़ने से बगली पंचायत के चैतडू गांव में कई लोगों के घरों को पानी बहा ले गया था। साथ ही नगरोटा बगवां हलके के तहत चाहड़ी गांव में 10 वर्षीय बच्ची की नाले में बहने से मौत हो गई थी। कांगड़ा हलके के तहत समीरपुर में भैंसें चराने गया व्यक्ति मांझी खड्ड में बह गया था। साथ ही पर्यटन स्थल त्रियुंड में 80 पर्यटक फंसे थे, जिन्हें प्रशासन ने सुरक्षित निकाल लिया था। मैक्लोडगंज के भागसूनाग से ऊपरी हिस्सों में नाले का बहाव बदलने से पानी बाजार में घुस गया था। इसके दो दिन बाद पंजाब के सूफी गायक मनमीत सिंह की भी नाले में बहने से मौत हो गई थी।

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जिला कांगड़ा में आम, लीची व नींबू प्रजाति के फलों को बरसात में ओले गिरने व तूफान के कारण नुकसान हुआ है। अभी तक जिले में उद्यान विभाग ने 167 लाख रुपये का नुकसान दर्ज किया है।

-कमलशील नेगी, उपनिदेशक उद्यान विभाग कांगड़ा।

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बरसात के मौसम में केवल बंदगोभी की ही फसल प्रभावित हुई है। छोटा भंगाल में बीमारी लगने से 30 फीसद फसल प्रभावित हुई है।

-जीत सिंह, उपनिदेशक कृषि विभाग पालमपुर।

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जिले में अब तक 9317.348 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। सबसे ज्यादा क्षति लोक निर्माण विभाग को हुई है। बोह घाटी के रुलेहड़ गांव में मलबे में दबने से 10 लोग काल का ग्रास बने हैं। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों को राहत प्रदान की जा रही है।

-रोहित राठौर, एडीएम कांगड़ा।

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नुकसान का ब्योरा

-46 मवेशी बने काल का ग्रास

-37 पक्के मकान क्षतिग्रस्त

-60 कच्चे मकान हुए जमींदोज

-31 पक्के मकान आंशिक रूप से प्रभावित।

-134 कच्चे मकान आंशिक रूप से प्रभावित

-3 दुकानें प्रभावित

-194 पशुशालाएं प्रभावित

-7982.8416 लाख रुपये की लोक निर्माण विभाग को क्षति

-837.8038 लाख रुपये जल शक्ति विभाग के बहे।

-112.026 रुपये की विद्युत बोर्ड को क्षति

-0.25 लाख रुपये का पशुपालन विभाग को नुकसान

-40 गांव हुए प्रभावित

प्रस्तुति : राजेंद्र डोगरा, धर्मशाला


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