आपदा के समय नहीं सरकार का सहयोग, 3 मई से हड़ताल पर जाएंगे निजी बस ऑपरेटर्स, उपचुनाव में भाजपा का विरोध करेंगे
Private Bus Operators निजी बस ऑपरेर्स संघ 3 मई से हड़ताल पर जाने का अड़ा हुआ है। वह सरकार को कोई सहयोग करने की बजाय उल्टे आंखें दिखा रहा है। हालांकि एक गुट इसका विरोध कर रहा है। लेकिन ज्यादातर ऑपरेटर संघ के फैसले से सहमत नजर आ रहे हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Private Bus Operators, देश, दुनिया के साथ हिमाचल भी कोरोना आपदा से जूझ रहा है। ऐसे में जबकि मानवता पर संकट मंडराया हुआ है, निजी बस ऑपरेर्स संघ 3 मई से हड़ताल पर जाने का अड़ा हुआ है। वह सरकार को कोई सहयोग करने की बजाय उल्टे आंखें दिखा रहा है। हालांकि एक गुट इसका विरोध कर रहा है। लेकिन ज्यादातर ऑपरेटर संघ के फैसले से सहमत नजर आ रहे हैं। संघ की मांग है कि सरकार ने पिछले साल अगस्त महीने से विशेष पथकर और टोकन टैक्स माफ नहीं किया है और न ही नुकसान की भरपाई करने के लिए वर्किंग कैपिटल जारी की है। संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा कि अगर सरकार ने दो मई तक मांगे नहीं मानी तो वे पूरे प्रदेश में 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि बार- बार आश्वासनों का झुनझुना थमाया जाता है। अब पानी सिर से काफी ऊपर चला गयाौ। अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने माना कि बसें बंद करने से लोगों को परेशानी होगी। इसका उन्हें दु:ख है। लेेकिन अगर सरकार फिर भी न चेती तो वे मंडी लोकसभा सीट और फतेहपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा का विरोध करेंगे।
संघ पर लगाया आरोप
उधर, कुल्लू जिले के निजी बस ऑपरेटर भूपेश नंदन ने संघ पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि संघ का कार्यकाल 2018 में पूरा हो गया है, फिर भी कोई भी बैठक चुनाव को लेकर नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष राजेश पराशर और महासचिव रमेश कमल हड़ताल पर जाने की केवल गीदड़ भभकी देते हैं। आत्मदाह करने की धमकी केवल दिखावा है। उधर, संघ के महासचिव ने नंदन के आरोपों को सिरे से नकार दिया है। उनका कहना है कि शनिवार और रविवार को वैसे ही बसें दस फीसद ही चलेंगी, सोमवार से हड़ताल होगी।