हड़ताल का सफर पर मामूली असर
निजी बसों की हड़ताल के मद्देनजर कांगड़ा में हिम
बिमल बस्सी/करुणेश शर्मा, कांगड़ा/ज्वालामुखी
निजी बसों की हड़ताल के मद्देनजर कांगड़ा में हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की तैयारी से सवारियों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए कोई खास परेशानी नहीं झेलनी पड़ी। एचआरटीसी ने सवारियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त 10 बसें चला कर राहत पहुंचाई। इस कारण कांगड़ा में सोमवार को निजी बसों की हड़ताल का मामूली असर देखने को मिला।
दो गुटों में बटें निजी बस संचालकों में एक गुट की बसें कांगड़ा से विभिन्न क्षेत्रों के लिए दौड़ती रही। कुल मिलाकर 20 फीसद निजी बसें ही चली। हड़ताल का सवारियों पर असर न हो, इसके लिए एचआरटीसी की बसों में बढ़ोतरी देखने को मिली। धर्मशाला व नगरोटा बगवां डिपो से अतिरिक्त बसें निगम की तरफ से कांगड़ा बस अड्डा पर उपलब्ध कराई गई थी।
उधर, ज्वालामुखी व आसपास के क्षेत्रों में निजी बसें न चलने से यात्री थोड़ा बहुत जरूर जरेशान हुए। हालांकि कुछ निजी बसें जरूर दौड़ती दिखी, लेकिन अधिकांश रूट पर बसें नहीं चली। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ज्वालामुखी बस अड्डे पर बस की राह देखते रहे। एचआरटीसी की बसों में सीट नसीब होने पर लोग घर पहुंचे।
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निजी बसों की हड़ताल से थोड़ी परेशान जरूरी हुई। अपने गांव कनेड जाने के लिए अड्डे पर बैठकर काफी देर तक बस का इंतजार करना पड़ा। राहत की बात यह कि बस मिल गई।
-श्याम लाल, घियाणा कलां।
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लुधियाणा से कांगड़ा पहुंचने पर निजी बसों की हड़ताल का पता चला पर निगम की बस में आसानी से सीट मिल गई। गंतव्य तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हुई। एचआरटीसी ने अच्छी व्यवस्था की थी।
-हंसराज, जलोट।
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लुधियाणा से कांगड़ा पहुंच कर निजी बसों की हड़ताल का पता चला। सामने पठियार जाने के लिए निगम की बस खड़ी थी। इसलिए मुझे घर पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हुई।
-सरूप चंद, पठियार।
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जरूरत का सामान का गांव में नहीं मिलता है। इसलिए शहर की दौड़ लगती है। निजी बसों की हड़ताल से मुझे बाजार जाने के लिए बस का लंबा इंतजार करना पड़ा।
-नरेश कुमार, घलौर। ----------------------
घल्लोर जाने के लिए बस का इंतजार करना पड़ा। निजी बसों की हड़ताल से थोड़ी बहुत परेशानी जरूर हुई लेकिन एचआरटीसी की व्यवस्था से सवारियों को जरूर राहत मिल रही है।
-बाबूराम शर्मा, घलौर।
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सवारियों की सुविधा के लिए धर्मशाला व नगरोटा बगवां डिपो से 10 अतिरिक्त बसें चलाई गई। इन बसों के माध्यम से कांगड़ा अड्डा से पालमपुर, ज्वालामुखी तथा धर्मशाला तक सवारियां पहुंचाई गई। पठानकोट की तरफ रूटीन बसें चल रही हैं। लंबी दूरी वाली बसें भी चल रही हैं।
-रणजीत सिंह, अड्डा प्रभारी एचआरटीसी कांगड़ा।