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सरकार के दावे हवा, गर्भवती को नहीं मिली नि:शुल्क दवा

धर्मशाला में ढगवार से स्वास्थ्य जांच करवाने पहुंची गर्भवती महिला को नि:शुल्क दवा नहीं मिली।

By Edited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 04:21 AM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 09:41 AM (IST)
सरकार के दावे हवा, गर्भवती को नहीं मिली नि:शुल्क दवा

धर्मशाला, जेएनएन: सरकार ने भले ही गर्भवती महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शुरू की है, लेकिन धरातल पर इसका लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है। मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला में ढगवार से स्वास्थ्य जांच करवाने पहुंची गर्भवती महिला को नि:शुल्क दवा नहीं मिली। इस कारण तीमारदार को अपनी जेब से रुपये देकर दवा खरीदनी पड़ी। इसकी शिकायत उन्होंने वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक से की है।

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जानकारी के अनुसार ढगवार के मेहरा राम अपनी बहू सपना देवी को स्वास्थ्य जांच के लिए धर्मशाला अस्पताल लाए थे। अस्पताल में विशेषज्ञ ने जांच करने के बाद उन्हें कुछ दवाएं लिखी। इनमें एक सीरप भी था। यह सीरप अस्पताल की डिस्पेंसरी में मौजूद नहीं था। इस पर डिस्पेंसरी के स्टाफ ने उन्हें सिविल सप्लाई की दुकान से कार्ड दिखाकर नि:शुल्क सीरप लेने के लिए कहा। जब महिला सिविल सप्लाई की दुकान में सीरप लेने गई तो प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के कार्ड को दुकानदार ने अस्वीकार कर दिया। उसने कहा कि अस्पताल के लाखों रुपये के बिल अभी तक लंबित हैं।

अत: वह दवा नि:शुल्क नहीं दे सकते। इस कारण मेहता राम को अपनी जेब से 90 रुपये खर्च करसीरप खरीदना पड़ा। मेहता राम का कहना है कि बात पैसों की नहीं है, बल्कि योजना एवं लाभ देने की दावों की है, जो सरकार की ओर से किए गए हैं। जब समय पर योजना का लाभ नहीं मिल रहा है तो योजना के तहत कार्ड बनवाने की जरूरत की क्या है? लोगों को गुमराह क्यों किया जा रहा है?

10 लाख के बिल पेंडिंग सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सिविल सप्लाई की दुकान के मालिक के 10 लाख रुपये के बिल पेंडिंग हैं। इस कारण दवा विक्रेता ने कार्ड लेने से मना कर दिया। मजबूरन मरीज को दवा खरीदनी पड़ रही है।

कार्ड धारकों को नि:शुल्क दवाएं देने के लिए कोई मनाही नहीं है, लेकिन दिसंबर, 2017 से आज दिन तक अस्पताल प्रशासन ने दवाओं की पेमेंट ही नहीं की है। करीब दस लाख रुपये अस्पताल प्रशासन से लेने हैं। इस कारण दवाएं देनी बंद कर दी थी। आज ही अस्पताल प्रशासन ने रुपयों के भुगतान के लिए सात दिन का समय मांगा है। सात दिनों के बाद पेमेंट नहीं हुई तो मजबूरन नि:शुल्क दवाएं देनी बंद करनी पड़ेंगी।

वरुण कटोच, संचालक सिविल सप्लाई दुकान, धर्मशाला।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत नि:शुल्क दवाएं व मेडिकल टेस्ट सुविधा दी जाती है। यदि किसी गर्भवती महिला से पैसे वसूले गए हैं तो कार्रवाई की जाएगी।

-दिनेश महाजन, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक जोनल अस्पताल धर्मशाला।

हड्डी रोग विशेषज्ञ ने संभाला पदभार

क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला की ऑर्थो ओपीडी लंबे समय के बाद मंगलवार को खुली। अस्पताल में ऑर्थो विशेषज्ञ सचिन ने पदभार संभाल लिया है। अब हड्डी रोग से ग्रस्त मरीजों को डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा अथवा अन्य निजी अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़ेगा। यह पद कुछ महीनों से रिक्त था। धर्मशाला अस्पताल में अब सभी ओपीडी में चिकित्सक उपलब्ध हो गए हैं। हालांकि अस्पताल में अभी कुछ और विशेषज्ञ चिकित्सको की आवश्यकता है। खासकर डॉक्टरों की छुट्टी के दौरान लोगों को मुश्किलें पेश आ रही हैं। वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक धर्मशाला डॉ. दिनेश महाजन ने बताया कि अस्पताल में ऑर्थो विशेषज्ञ सचिन ने ज्वाइन कर लिया है।


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