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Mandi Byelectionः मंडी के रण में पांचवीं बार उतरेंगी प्रतिभा सिंह

Mandi Byelectionः मंडी के रण में जीत हासिल करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा पांचवीं बार मैदान में उतरेंगी। इससे पहले उन्‍हें दो बार जीत और दो बार हार मिली। पहली जीत उन्हें 2004 के आम चुनाव व दूसरी 2013 के उपचुनाव में मिली थी।

By Vijay BhushanEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 07:16 PM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 07:23 PM (IST)
Mandi Byelectionः  मंडी के रण में पांचवीं बार उतरेंगी प्रतिभा सिंह
मंडी संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह का फाइल फोटो। जागरण आर्काइव

हंसराज सैनी, मंडी। Mandi Byelectionः , मंडी के रण में जीत हासिल करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा पांचवीं बार मैदान में उतरेंगी। इससे पहले उन्‍हें दो बार जीत और दो बार हार मिली। पहली जीत उन्हें 2004 के आम चुनाव व दूसरी 2013 के उपचुनाव में मिली थी। मंडी संसदीय क्षेत्र उनके परिवार की कर्मभूमि रही है। उनके पति वीरभद्र सिंह ने 1971 में मंडी संसदीय क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा था। यहीं से चुनाव लड़कर वह केंद्र में मंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे।

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प्रतिभा सिंह 1998 में सक्रिय राजनीति में आई थीं। पहला चुनाव इसी संसदीय क्षेत्र से लड़ा था, जब भाजपा के महेश्वर सिंह ने उन्हें करीब सवा लाख मतों से पराजित किया था। महेश्वर सिंह उनके समधी हैं। 1998 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी थी। सरकार 13 माह ही चल पाई थी। 1999 में लोकसभा का दोबारा चुनाव हुआ था। प्रतिभा सिंह ने यह चुनाव नहीं लड़ा था। 2004 के आम लोकसभा चुनाव में उन्होंने दूसरी बार अपनी किस्मत आजमाई थी। समधी महेश्वर सिंह से 1998 की हार का बदला लेकर वह पहली बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुई थी। 2009 का लोकसभा चुनाव उनके वीरभद्र सिंह ने लड़ा था। 2012 में प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद वीरभद्र सिंह ने लोकसभा से त्यागपत्र दे दिया था। 2013 में उपचुनाव हुआ तो प्रतिभा तीसरी बार मैदान में उतरी। वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को करीब 1.39 लाख मतों से शिकस्त देकर दूसरी बार संसद सदस्य निर्वाचित हुई थी। इसके साल भर बाद 2014 में लोकसभा चुनाव हुआ था। माेदी लहर में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा ने उन्हें 39 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था। प्रदेश में उस समय कांग्रेस सरकार थी। प्रतिभा सिंह की हार से सब दंग रह गए थे। करीब सात साल बाद प्रतिभा सिंह दोबारा चुनावी अखाड़े में उतरी हैं।

अब प्रतिभा वीरभद्र सिंह

एआइसीसी की तरफ से जारी प्रत्याशियों की सूची में उनका नाम प्रतिभा वीरभद्र सिंह लिखा गया है। यह बात लोगों में चर्चा का विषय बन गई है। 

वोट नहीं श्रद्धांजलि

मंडी संसदीय उपचुनाव में प्रतिभा सिंह का नाम तय होने के बाद उनके स्वजन अब लोगों की दिलों में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह की यादें ताजा करने में जुट गए हैं। टिकट फाइनल होते ही उनके बेटे शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट शेयर कर वीरभद्र सिंह द्वारा संसदीय क्षेत्र में किए गए कार्यों को विनम्र श्रद्धांजलि देने की अपील की । श्रद्धांजलि स्वरूप वोट देने का आग्रह किया है। कांग्रेस वीरभद्र सिंह की सहानुभूति में प्रतिभा सिंह की जीत देख रही है।

प्रतिभा का चुनावी सफर

1998 में लड़ा पहला चुनाव, समधी महेश्वर सिंह से हारी।

2004 के चुनाव में समधी से चुकाया हार का बदला।

2013 के उपचुनाव जयराम को हराया

2014 में माेदी लहर में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा से हारी


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