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वीरता में सेब उगाकर पुलिसकर्मी ने मिसाल की कायम, सेब के 90 पौधे लगा दिए

सेब को अक्सर ठंडे क्षेत्रों की पैदावार कहा जाता है जिसके लिए सात डिग्री से 20 डिग्री का तापमान जरूरी होता है लेकिन कांगड़ा जैसे गर्म इलाके के निकटवर्ती गांव वीरता में सेब की आर्गैनिक खेती उगाकर 48 वर्षीय वीरेंद्र कुमार ने अनोखी मिसाल कायम की है।

By Richa RanaEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 03:10 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 03:10 PM (IST)
वीरता में सेब की आर्गैनिक खेती उगाकर 48 वर्षीय वीरेंद्र कुमार ने अनोखी मिसाल कायम की है।

कांगड़ा, बिमल बस्सी। सेब को अक्सर ठंडे क्षेत्रों की पैदावार कहा जाता है जिसके लिए सात डिग्री से 20 डिग्री का तापमान जरूरी होता है, लेकिन कांगड़ा जैसे गर्म इलाके के निकटवर्ती गांव वीरता में सेब की आर्गैनिक खेती उगाकर 48 वर्षीय वीरेंद्र कुमार ने अनोखी मिसाल कायम की है।

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वीरेंद्र के घर में लगे सेब लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत साबित हो रहे हैं। वीरेंद्र कुमार पुलिस विभाग नगरोटाबगवां में बतौर मुख्य आरक्षी सेवायें दे रहे हैं। लेकिन गर्म मौसम में सेब उगाकर उन्होंने एक कुशल बागवान होने का भी परिचय दिया है. हैरानी की बात यह है कि सेब उगाने के लिए कृषि व बागवानी संबंधित विभाग से बिना मदद लिए ही उन्होंने सेब का बगीचा तैयार कर दिया है। बकौल वीरेंद्र कुमार 2015 में नगरी के पास एक सेवानिवृत अधिकारी द्वारा सेब की पौध तैयार की जाती है।

शौक शौक में दर्जन भर पौधे लाकर घर के आंगन में लगा दिए। देखते ही तीन साल उपरांत पौधो पर सेब लगते देख आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। सेबों की पैदावार देखने के लिए उसके सगे संबंधी तथा दोस्त घर पहुंचने लगे। सेब लगने की खुशी पाकर शुभचिंतकों में ताजे फल बांटने का सिलसिला शुरू हो गया। उन्होंने आगे बताया कि बीते वर्ष एक ही पौधे से लगभग डेढ़ क्विंटल सेब की पैदावार ने चारों तरफ धूम मचा दी। फल विक्रेता घर आकर सेबों को अच्छे दामों पर खरीद कर ले गए।

सेब की पैदावार की उपलब्धि के मद्देनजर उनका शौक जनून बन गया तथा घर से थोडी़ दूरी पर स्थित दो कनाल भूमि पर लगभग 90 सेब के पौधे लगा दिए हैं। इससे पहले उक्त जमीन पर लीची के पौधे लगे थे परन्तु उसमें कीड़ा लगने से उन्हें हटा दिया। हांलाकि इस बार सेबों पर कम ही फूल आये है.परन्तु घर के आंगन लगे पेडो़ं पर लगे गोल्डन डोर सेट तथा रॉयल अन्ना किस्मों के सेब देखने वाले के मुंह में पानी भर देता है।

वीरेंद्र कुमार के दो बेटे पौधों की देखभाल में जुटे रहते हैं। जिससे बेटों में भी सेब की पैदावार के चलते व्यवसाय रूप में अपनाने का आकर्षण दिखने लगा है। बड़ा बेटा निखिल कंप्‍यूटर इंजीनियरिंग तथा छोटा बेटा अखिल बी कॉम कर रहा है। उन्होंने भी माना कि बागवानी क्षेत्र में भी जीविका के अच्छे स्त्रोत विकसित हो रहे हैं।

सेब खाने के फायदे

आमतौर पर लोग हरे सेब की तुलना में लाल सेब ही खाना पसंद करते हैं. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि लाल सेब से ज्यादा हरा सेब फायदेमंद होता है। कारण यह है कि हरे सेब में भरपूर मात्रा में आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व आदि पाए जाते हैं. दिन में सेब खाना हृदय रोगियों के लाभकारी होता है। धारणा है कि रोजाना एक सेब खाने से शरीर स्वस्थ अथवा निरोग रहता है।


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