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16 साल बाद इस तरह अपनों से मिला उत्तर प्रदेश का बाबूराम, पढ़ें पूरी खबर Kangra News

पुलिस की हल्की सी उम्मीद ने परिवार से बिछड़े उत्तर प्रदेश के बाबू राम को 16 साल बाद मिलवा दिया।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 02:56 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 02:56 PM (IST)
16 साल बाद इस तरह अपनों से मिला उत्तर प्रदेश का बाबूराम, पढ़ें पूरी खबर Kangra News
16 साल बाद इस तरह अपनों से मिला उत्तर प्रदेश का बाबूराम, पढ़ें पूरी खबर Kangra News

पालमपुर, जेएनएन। पुलिस की हल्की सी उम्मीद ने परिवार से बिछड़े उत्तर प्रदेश के बाबू राम को 16 साल बाद मिलवा दिया। मामला जिला कांगड़ा के धीरा उपमंडल का है। धीरा में काफी समय से बाबूराम नामक व्यक्ति रह रहा था। मानसिक तौर पर परेशान बाबूराम पुत्र रामदयाल निवासी उत्तर प्रदेश अक्टूबर 2017 में पुलिस चौकी धीरा के कर्मचारियों को मिला था। तभी से पुलिस ने उसके गांव की जानकारी एकत्रित करनी शुरू कर दी थी। हालांकि बाबूराम को अधिक जानकारी नहीं थी लेकिन पुलिस को जो जानकारी मिली थी उसी के आधार पर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के पुलिस थाना सदरपुर जिला सीतापुर में संपर्क किया।

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पुलिस ने प्रयास किया और वह कामयाब हो गया। जिस गांव का नाम बाबू राम लेता था वहां के पंचायत प्रतिनिधियों से पुलिस ने संपर्क कर बाबू राम की जानकारी दी। सूचना मिलने के बाद बाबू राम के बचपन के साथी धीरा पहुंचे। यहां पहुंचने पर उन्होंने बाबू राम को पहचान लिया। बातचीत करने पर बाबू राम ने भी साथियों को पहचान लिया। यह देखकर पुलिस जवानों को खुशी हुई। पुलिस ने बाबू राम को निशांत कुमार मौर्य पुत्र राम विलास मौर्य बिलोली नानकारी, थाना सदरपुर जिला सीतापुर उत्तर प्रदेश पंचायत प्रधान विलोली, बच्छराज पुत्र जादू राम व जाफर अहमद पुत्र इफ्तेखार अहमद को सुपुर्द कर दिया।

उक्त तीनों ने बताया कि बाबू राम 16 साल पहले पत्नी के घर से चले जाने तथा माता का निधन होने के कारण दिमागी तौर से परेशान हो गया था। इसके बाद अचानक घर से चला गया था। रिश्तेदारों और मित्रों ने बाबू राम की काफी तलाश की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला था। बाबू राम माता-पिता का एकलौता बेटा है। बाबूराम के माता-पिता का देहांत हो चुका है।

बातचीत कर पुलिस ने बढ़ाई नजदीकी

पुलिस चौकी धीरा के प्रभारी जितेंद्र कुमार ने कहा कि गश्त के दौरान बाबू राम मिला था। बाबू राम गुपचुप रहता था। किसी को कुछ नहीं कहता था। जो इसे खाने को दे उसे खा लेता था। इस पर पुलिस ने उससे बातचीत करनी आरंभ की। पहले तो यह कोई बात नहीं करता था। मगर जब काफी घुल मिल गया तो बाबू राम ने पुलिस को गांव का नाम बताया था। उसके बाद हमने इंटरनेट पर जानकारी हासिल की। करीब एक माह पहले बाबू राम के गांव की जानकारी मिली थी। शनिवार को बाबूराम के परिचित और पंचायत प्रधान धीरा में आए थे। रविवार को वह बाबू राम को साथ में ले गए हैं।

पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद बाबू राम के गांव की जानकारी जुटाई थी। हमारा हल्का सा प्रयास कामयाब हो गया है। बाबूराम के अपनों से मिलने से काफी खुशी मिली है। -अमित शर्मा, डीएसपी, पालमपुर।


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