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पालमपुर में प्रतिभाओं की नहीं, खेल मैदानों की कमी

कुलदीप राणा पालमपुर उपमंडल पालमपुर में खिलाड़ियों की सुविधा के लिए एकमात्र शहीद कैप्ट

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 06:41 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 06:41 AM (IST)
पालमपुर में प्रतिभाओं की नहीं, खेल मैदानों की कमी
पालमपुर में प्रतिभाओं की नहीं, खेल मैदानों की कमी

कुलदीप राणा, पालमपुर

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उपमंडल पालमपुर में खिलाड़ियों की सुविधा के लिए एकमात्र शहीद कैप्टन विक्रम बतरा ग्राउंड के अतिरिक्त गांधी ग्राउंड में बास्केटबाल कोर्ट स्थापित किया गया है। मगर खिलाड़ियों को अलग-अलग खेलों के लिए बतरा मैदान का ही इस्तेमाल करना पड़ता है। मैदान में एक कोने पर वालीबॉल, फुटबॉल और क्रिकेट का खेल एकसाथ खेला जाता है। ऐसे में खिलाड़ियों को चोट लगने का भय हर समय रहता है।

पालमपुर में बेहतर मैदान की कमी के बावजूद कई खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवा चुके हैं। लंबे समय से पीसीए से संबंधित क्रिकेट अकादमी के तहत उभरते खिलाड़ी मैदान में अभ्यास करते हैं तथा छात्राएं भी इसमें शामिल होकर अपनी प्रतिभा निखार रहीं हैं, लेकिन उपमंडल के अधिकतर त्योहार व राजनीतिक रैलियों के चलते खिलाड़ियों को कई दिनों तक खेल मैदान से वंचित रहना पड़ता है। एकमात्र मैदान जो क्रिकेट प्रतियोगिताओं का गवाह बना है। वहीं गांधी ग्राउंड में बास्केटवॉल की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन हो चुका है।

पालमपुर में खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल हॉकी के लिए कोई मैदान नहीं है। क्षेत्र में इनडोर खेल परिसर की कई बार घोषणाएं हुईं, मगर अभी तक इसमें कोई भी प्रगति नहीं हो पाई है। नगर परिषद ने पिछले दिनों बतरा मैदान को समतल करते हुए 50 लाख रुपये से सौंदर्यीकरण किया है। वहीं बास्केटवॉल कोर्ट का कार्य प्रगति पर है। प्रतिदिन सैकड़ों युवा मैदान में पसीना बहाकर खेल प्रतियोगिताओं की तैयारी करते हैं, मगर चोट के भय से खुलकर अभ्यास करने में संकोच करते देखे गए हैं। भारतीय बास्केटबॉल टीम के पूर्व कोच रहे जेसी कटोच, बास्केटबॉल खिलाड़ी वीरेंद्र चौहान, कुलदीप ठाकुर व सुनील शर्मा ने मांग की है कि पालमपुर क्षेत्र में अतिरिक्त खेल मैदान बनाया जाए। छोटे बच्चों को बास्केटबॉल का प्रशिक्षण देता हूं। पालमपुर उपमंडल में बेहतर खेल मैदान की अनुपलब्धता के कारण अपना निशुल्क प्रशिक्षण केंद्र भवारना में संचालित कर रहा हूं। यहां ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे विशेषकर कन्याओं में काफी रुचि है। पहले पालमपुर में भी प्रयास किया था, लेकिन सुविधाओं के अभाव में भवारना शिफ्ट होने को मजबूर हो गया। फिलहाल पालमपुर उपमंडल में प्रतिभाओं की कमी नहीं है।

-जेसी कटोच, पूर्व कोच भारतीय टीम। युवा खिलाड़ियों को सुविधाएं प्रदान करना सरकार का कर्तव्य है, जबकि कोच का कार्य उभरती प्रतिभाओं को निखारकर राष्ट्र व अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेलों के लिए तैयारी करवाना है, लेकिन इसके लिए खेल मैदान और सुविधाओं का होना अति अनिवार्य है। बेहतर खेल मैदान होंगे तो खिलाड़ी खुलकर अभ्यास कर सकता है और अभ्यास के लिए स्वतंत्र खेल मैदान अनिवार्य है।

-वीरेंद्र चौहान, बास्केटबॉल खिलाड़ी व स्कूल पीटीआइ। बतरा मैदान के एक कोने में वालीबॉल कोर्ट में अभ्यास किया जाता है। मैदान में ही फुटबाल व क्रिकेट का अभ्यास होने के कारण गेंद मैदान तक पहुंच जाती है तथा इससे चोट लगने का भय सताता है।

-कुलदीप ठाकुर, स्थानीय खिलाड़ी। पिछले कुछ वर्षो में एसएचओ गुरवचन सिंह के सहयोग से पालमपुर वालीबॉल एसोसिएशन का गठन किया गया है। इसके बाद प्रतिदिन पूर्व राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के मार्गदर्शन में युवाओं की प्रतिभा निखारने का प्रयास हो रहा है, लेकिन इसी मैदान में बच्चे क्रिकेट व फुटबॉल भी खेलते हैं। ऐसे में चोट का भय और अभ्यास में रुकावट आती है। सरकार इंडोर स्टेडियम निर्माण की मुहिम में तेजी लाए।

-सुनील शर्मा, खिलाड़ी घुग्घर। मैदान में खिलाड़ी दूसरे खेल में चोटिल हो जाए तो दु:ख होता है। प्रशासन और सरकार को चाहिए कि पालमपुर में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मैदान की उचित व्यवस्था की जाए। राजनीतिक गलियारों में क्रिकेट स्टेडियम व इंडोर स्टेडियम की गूंज उठी थी, लेकिन अभी तक इसमें कोई प्रगति नजर नहीं आ रही है। खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए खेल मैदान का होना अति आवश्यक है।

-मोनू ठाकुर, खिलाड़ी। नगर परिषद के एकमात्र खेल मैदान में सभी खेलें एक साथ होने से खिलाड़ियों के चोटिल होने का खतरा बना रहता है। बावजूद खिलाड़ियों को क्रिकेट का प्रशिक्षण देना मुश्किल हो जाता है। मैदान में क्रिकेट या वालीबॉल प्रतियोगिता का आयोजन होने पर खिलाड़ियों को अभ्यास करने से वंचित रहना पड़ता है।

-राजीव शर्मा, एसडीसीए के पूर्व कोच। इंडोर स्टेडियम की घोषणा को अमलीजामा पहनाया जाए तो क्षेत्र में अन्य खेलों में प्रतिभाओं का निखार होगा। एक ही खेल परिसर में विभिन्न खेलों का अभ्यास करते समय खिलाड़ियों में चोट का भय बना रहता है।

-सुनील शर्मा, खिलाड़ी। नगर परिषद क्षेत्र में दो खेल मैदान स्थापित हैं और इनका वर्तमान में सौंदर्यीकरण भी हो रहा है। नगर परिषद ने अपने स्तर पर वार्ड-पांच में पार्किग के ऊपर इनडोर खेल परिसर की प्रस्तावना तैयार की है। स्थानीय विधायक ने भी इसके निर्माण में सहयोग का भरोसा दिलाया है। यदि सफलता मिली तो युवाओं को अतिरिक्त खेल सुविधा प्रदान होगी। अब नगर निगम गठन में भी इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।

राधा सूद, अध्यक्ष नगर परिषद, पालमपुर एशिया की सबसे छोटी नगर परिषद पालमपुर में स्थान उपलब्ध नहीं होने से खेल परिसरों का विस्तार संभव नहीं था। अब नगर निगम बनने से पंचायत क्षेत्रों से जगह का चयन कर बेहतर खेल मैदान का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने इनडोर स्टेडियम निर्माण पर कहा कि अभी तक इसमें खास प्रगति नहीं है। लेकिन उपमंडल प्रशासन ने खेल एवं युवा सेवाएं शिमला से मामला उठाया है। शीघ्र ही इसमें प्रगति होने की उम्मीद है। मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत किया जाएगा।

धर्मेश रामोत्रा, एसडीएम, पालमपुर


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