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चीड़ की पत्तियां बनीं बंजार की महिलाओं का सहारा, तैयार किए ये आकर्षक उत्पाद

Pine Leaves Products जंगल में सूखी बेकार मानी जाने वाली चीड़ की पत्तियां अब महिलाओं की आय का साधन बन गई हैं। कुल्लू में सजे 10 दिवसीय शिल्प मेले में चीड़ की पत्तियों से तैयार किए विभिन्न उत्पाद सबके लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

By Virender KumarEdited By: Published: Mon, 28 Mar 2022 06:30 AM (IST)Updated: Mon, 28 Mar 2022 07:53 AM (IST)
चीड़ की पत्तियां बनीं बंजार की महिलाओं का सहारा, तैयार किए ये आकर्षक उत्पाद
कुल्लू में शिल्प मेले के दौरान महिलाओं द्वारा चीड़ की पत्तियों से बनाए उत्पाद। जागरण

कुल्लू, कमलेश वर्मा। Pine Leaves Products, जंगल में सूखी बेकार मानी जाने वाली चीड़ की पत्तियां अब महिलाओं की आय का साधन बन गई हैं। महिलाएं इनसे विभिन्न तरह के घरेलू उत्पाद तैयार कर रही हैं। कुल्लू में सजे 10 दिवसीय शिल्प मेले में चीड़ की पत्तियों से तैयार किए विभिन्न उत्पाद सबके लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। मेले में देशभर के शिल्पकारों के विभिन्न उत्पाद हैं, वहीं बंजार की थाटीबीड़ की 20 महिलाओं के समूह की ओर से बनाए गए चीड़ की पत्तियों के उत्पाद सबको भा रहे हैं।

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मेले में स्टाल लगा रही महिला संतोषी देवी के अनुसार प्रगतिशील विश्वकर्मा कल्याण सभा संस्था व द डोगरा तकनीकी एवं व्यसवसायिक प्रशिक्षण संस्थान बंजार की ओर से उन्हें निश्शुल्क चीड़ की पत्तियों से टोकरी, चपाती बाक्स, फूलदान, पेंसिल बाक्स, पेन स्टैंड, टेबल मेट, ट्रे सहित अन्य उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। उसके बाद उन्होंने चीड़ की पत्तियों के उत्पाद तैयार कर बेचना शुरू किया। इससे वह आत्मनिर्भर हुई हैं, वहीं अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षण देकर रोजगार मुहैया करवा रही हैं। इस तकनीक से चीड़ की पत्तियां अब बेकार न होकर इनकी उपयोगिता बढ़ गई है। जंगलों में चीड़ की सूखी पत्तियों से अग्निकांड की घटनाओं में भी कमी आएगी।

खड्डी पर ऊनी उत्पाद भी करती हैं तैयार

महिलाएं खड्डी पर पट्टू, जैकेट, शाल व स्टाल भी तैयार करती हैं। साथ ही लकड़ी के बेकार टुकड़ों को जोड़कर बच्चों के खिलौने भी तैयार कर रही हैं। कपड़ों पर कढ़ाई करने के साथ चीड़ की पत्तियों से बनी वस्तुएं भी बेच रही हैं। शिल्प मेले में लकड़ी के खिलौने भी खूब बिक रहे हैं। महिलाओं को काफी आर्डर भी मिले हैं।

ऐसे बनते हैं उत्पाद

जंगल से चीड़ की पत्तियां एकत्र करने के बाद उन्हें साफ किया जाता है। उन्हें 15 मिनट तक पानी में भिगोने के बाद रेशम के विशेष तरह के धागे के साथ जोड़कर उत्पाद तैयार किए जाते हैं। शिल्प मेले में चीड़ की पत्तियों से बने उत्पाद 300 से लेकर 500 रुपये तक उपलब्ध हो रहे हैं।

संस्था की ओर से जिला कुल्लू सहित प्रदेशभर में महिलाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एक माह का निश्शुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्हें संस्था की ओर से ही रोजगार भी मुहैया करवाया जा रहा है। संस्था प्रदेशभर में प्रशिक्षण केंद्र खोल रही है।

-उदय डोगरा, चेयरमैन, प्रगतिशील विश्वकर्मा कल्याण सभा, द डोगरा तकनीकी एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान बंजार।


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