चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के सहारे पीएचसी
सरकार भले ही सार्वजनिक मंचों से प्रदेशभर में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने बडे़-बडे़ दावे करती है लेकिन प्रदेश में अभी भी कई जगहों पर इन दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। सरकार के ऐसे ही दावों की पोल भी खोल रहा है गांव बाडी का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र । यहां क्षेत्र की छह पंचायतों के करीब दस हजार बाशिदों के स्वास्थ्
कमलजीत, डाडासीबा
सरकार भले ही सार्वजनिक मंचों से प्रदेशभर में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के बडे़-बडे़ दावे करती है, लेकिन प्रदेश में अभी भी कई जगहों पर दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। कहीं पर चिकित्सकों की कमी है तो कहीं पर भवन की हालत खस्ता है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों को कैसे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सकती है। सरकार के ऐसे ही दावों की पोल भी खोल रहा है गांव बाड़ी में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी)। छह पंचायतों के करीब दस हजार लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बाड़ी में एक महीने से एक भी चिकित्सक की तैनानी न होना स्वास्थ्य सुविधाओं पर एक बड़ा सवाल है।
यहां पहली अक्टूबर 2017 को सरकारी भवन बनाकर पीएचसी की शुरुआत की गई थी। लेकिन नियमित रूप से यहां पर चिकित्सक की तैनाती नहीं हुई और पिछले कुछ समय से फार्मासिस्ट के सहारे इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को चलाया जा रहा था परंतु 31 दिसंबर 2019 को फार्मासिस्ट के सेवानिवृत्त होने के बाद भी यहां पर कोई चिकित्सक व फार्मासिस्ट तैनात नहीं किया है। लिहाजा अब क्षेत्रभर के दस हजार लोगों के लिए बनाया गया स्वास्थ्य केंद्र महज एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के हवाले की है जोकि दावों की पोल रही है। पीएचसी में प्रतिदिन ओपीडी 35 के करीब है।
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एक महीने से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन अभी तक पीएचसी एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी के हवाले है। चिकित्सक व फार्मासिस्ट न होने के चलते लोगों को डाडासीबा सिविल हॉस्पिटल या तलवाड़ा जाना पड़ रहा है।
-विवेक जसवाल, पंचायत उपप्रधान, बाड़ी।
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जब तक चिकित्सक व फार्मासिस्ट का पद नहीं भरा जाता है तब तक कोटला के फार्मासिस्ट को सप्ताह में दो पीएचसी बाड़ी में जाने के लिए कहा है। पीएचसी में रिक्त पदों को लेकर उच्च अधिकारियों व सरकार को अवगत करवाया जाता है, पद भरना सरकार की जिम्मेदारी है।
-सुभाष ठाकुर, खंड चिकित्सा अधिकारी, डाडासीबा।