Move to Jagran APP

सदमे से नहीं उबर पा रहे रामपुर के लोग, बाजार व दरबार परिसर में पसरा सन्नाटा

रामपुर में शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र ङ्क्षसह की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ मोक्ष धाम में कर दी गई। लेकिन शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी लोगों को वीरभद्र ङ्क्षसह के जाने का गम है। स्थानीय लोगों में उनके लिए काफी इज्जत और सम्मान रहा है।

By Vijay BhushanEdited By: Published: Sun, 11 Jul 2021 07:06 PM (IST)Updated: Sun, 11 Jul 2021 07:06 PM (IST)
सदमे से नहीं उबर पा रहे रामपुर के लोग, बाजार व दरबार परिसर में पसरा सन्नाटा
रामपुर बुशहर स्थित दरबार परिसर। जागरण आर्काइव

रामपुर बुशहर, संवाद सहयोगी। रामपुर में शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र ङ्क्षसह की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ मोक्ष धाम में कर दी गई। लेकिन शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी लोगों को वीरभद्र ङ्क्षसह के जाने का गम है। स्थानीय लोगों में उनके लिए काफी इज्जत और सम्मान रहा है। क्योंकि रामपुर उपमंडल में करीब सभी विकास कार्य वीरभद्र सिंह की ही देन हैं। शहर के लोगों ने भी शोक स्वरूप तीन दिन तक दुकानों को बंद रखा।

loksabha election banner

शनिवार को राज परिवार के श्मशानघाट में वीरभद्र ङ्क्षसह को नम आंखों से हजारों लोगों ने अंतिम विदाई दी। लोगों की भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई कि उन्हें श्मशानघाट में जाने से भी रोकना पड़ा। क्योंकि जगह कम होने के कारण लोगों से सहयोग करने की अपील की गई। इसके बाद लोगों ने पास के घरों की छत पर बैठ कर अपने नेता को अंतिम विदाई दी।

रविवार को शहर और दरबार परिसर में खामोशी रही। चारों ओर लोग घरों से बाहर नहीं निकले। अपने प्रिय नेता को खोने का गम लोगों के दिलों में घर कर गया है। रामपुर उपमंडल के सभी लोगों से वीरभद्र ङ्क्षसह अपने परिवार की तरह मिलते रहे हैं। उनके रामपुर दौरे के दौरान कोई भी व्यक्ति बिना किसी रोकटोक के दरबार में जाता था और मिल लेता था। वीरभद्र ङ्क्षसह की अंत्येष्टि के बाद सभी बाहर से पहुंचे लोग लौट गए हैं। मौजूदा समय में उनके परिवार के सदस्यों के अलावा महल के अन्य लोग यहां पर मौजूद हैं।

वहीं उनकी अंतिम यात्रा के दौरान लोगों ने अपने-अपने तरीके से उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। कहीं पर बाहर से पहुंचे लोगों को सत्यनारायण मंदिर ट्रस्ट के सहयोग से ठंडा पानी पिलाने का इंतजाम किया गया तो रक्तदान सेवा परिवार सोसायटी द्वारा दरबार परिसर के साथ लंगर लगाया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.