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संपर्क मार्ग का अधूरा काम पूरा न किया तो सड़क पर उतरेंगे

मस्तपुर व कंदरेड के ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि दस दिन में संपर्क सड़क नहीं बनी तो सड़क पर उतरेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 03:01 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 03:01 PM (IST)
संपर्क मार्ग का अधूरा काम पूरा न किया तो सड़क पर उतरेंगे
संपर्क मार्ग का अधूरा काम पूरा न किया तो सड़क पर उतरेंगे

जेएनएन, गगल : मस्तपुर व कंदरेड के ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर दस दिन के भीतर मस्तपुर-गंगभैरो संपर्क मार्ग का अधूरा कार्य पूरा नहीं किया गया तो ग्रामीण सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। ग्राम पंचायत कंदरेड के उपप्रधान नरेश कुमार ने बताया कि पिछले कुछ समय से संबंधित ठेकेदार ने निर्माण सामग्री तो सड़क के बीच फेंक दी है, लेकिन काम नहीं कर रहा है, जिस कारण सड़क पर वाहनों का आना-जाना बंद हो चुका है।

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उपप्रधान ने बताया के इस संबंध में आज उन्होंने ग्रामीणों के साथ गगल में विभाग के ऑफिस में जाकर उन्हें अवगत करवाया। उधर, एसडीओ विवेक कालिया ने बताया कि सड़क निर्माण में कई जगह से पानी की पाइपें लीक कर रही थीं, उनको ठीक करने के लिए आइपीएच विभाग को लिखा गया है। जैसे ही पाइप ठीक हो जाती है तो बिना देर किए सड़क का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। दो पंचायतों की डेढ़ हजार लोग परेशान

इस सड़क की खराब हालात के चलते दो पंचायतों इच्छी व कंइरेहड के लोग परेशान में है। इन दोनों पंचायतों की आबादी लगभग डेढ़ हजार है। लगभग तीन किलोमीटर सड़क बदहाल स्थिति में है।

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जब गांव में विवाह शादियां होती हैं तो खासकर लोगों को इस संपर्क मार्ग से गुजरने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सरकार को सड़कों की हालत प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त करनी चाहिए।

-उर्मिला देवी, महिला मंडल सचिव। संपर्क मार्ग से रात के समय आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभाग इस संपर्क मार्ग का अधूरा पड़ा कार्य शीघ्र मुकम्मल करे।

-गुरमेल, समाजसेवी कंदरेहड़ यह संपर्क मार्ग लगभग तीन-चार माह से बंद पड़ा हुआ है। ग्रामीण इतने परेशान हैं कि उन्हें अपने वाहन ले जाना और खासकर स्कूली बच्चों के लिए बड़ी समस्या बन गई है।

-नरेश कुमार, उपप्रधान कंदरेहड़। अधूरे मार्ग के कारण लोगों के सभी निर्माण कार्य अधूरे पड़े हुए हैं, क्योंकि बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली या ट्रक से गांव तक मैटीरियल आना असंभव है।

-अमर सिंह, समाजसेवी।


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