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बोर्ड परीक्षा के लिए गठित उड़नदस्‍ते में लगा दीं क्‍लर्क और पटवारी की ड्यूटी, शिक्षक संघ विफरा

Patwari in Flying squad हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की वार्षिक परीक्षाओं के लिए फ्लाइंग सक्वाड में ड्यूटियां लगाने का मामला तूल पकड़ गया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 04:08 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 04:08 PM (IST)
बोर्ड परीक्षा के लिए गठित उड़नदस्‍ते में लगा दीं क्‍लर्क और पटवारी की ड्यूटी, शिक्षक संघ विफरा
बोर्ड परीक्षा के लिए गठित उड़नदस्‍ते में लगा दीं क्‍लर्क और पटवारी की ड्यूटी, शिक्षक संघ विफरा

शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की वार्षिक परीक्षाओं के लिए फ्लाइंग सक्वाड में ड्यूटियां लगाने का मामला तूल पकड़ गया है। जिला प्रशासन की ओर से कई स्थानों पर फील्ड कानूनगो, पटवारी, लिपिक स्तर के कर्मचारियों को फ्लाइंग ड्यूटी में भेज दिया गया है। चंबा के सलूणी में फ्लाइंग सक्वाड में इस तरह के कर्मचारियों को नियुक्ति दी गई है। इसका शिक्षक संगठनों ने विरोध किया है। शिक्षक संगठनों ने इसे हास्यपद करार देते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पहली बार इस तरह का प्रयोग देखा है।

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स्नातकोत्तर अध्यापक संघ ने एसडीएम चंबा के इस फैसले पर हैरानी जताई है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष चितरंजन काल्टा, महासचिव देसराजकटवाल, वित्त सचिव रामलाल, शिवदेव सिंह, विनोद बंसल, राकेश कंवर, विजय शर्मा ने कहा कि निरीक्षण टीम में अध्यापकों की मान मर्यादा को ध्यान में रखकर ही निरीक्षण टीम का गठन किया जाए। निरीक्षण टीम में एक अध्यापक को जरूर शामिल किया जाए। उन्होंने राज्य सरकार और स्कूल शिक्षा बोर्ड के अलावा जिला प्रशासन से मांग की है कि फ्लाइंग ड्यूटी में नए प्रयोग न करके शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाए।

उडऩदस्ते में शिक्षकों को शामिल न करना शर्मनाक: केसर ठाकुर

स्कूल प्रवक्ता संघ ने उडऩ दस्ते में पटवारी और लिपिक वर्ग को शामिल करने का विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष केसर सिंह ठाकुर, विनोद बनयाल, डॉ. प्रदीप शर्मा, संजीव ठाकुर सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि इस तरह के निर्णयों से शिक्षकों की सम्मान को नीचा करने प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चंबा उपमंडल सलूणी में उपमंडल अधिकारी द्वारा उडऩदस्ते में शिक्षकों कों शामिल न कर पटवारी, कानूनगो और लिपकों को शामिल करना हैरानी भरा फैसले है। अन्य विभागों के कर्मचारियों परीक्षा केंद्रों में आकर क्या जांच करेंगे ये समझ से परे है। परीक्षा केंद्रों में केंद्र अधीक्षक के रूप में वरिष्ठ प्रवक्ताओं को नियुक्त किया गया है, जिन्‍हें राजकीय अधिकारी दूसरी श्रेणी का दर्जा प्राप्त होता है। उस केंद्र में पटवारी व लिपकों द्वारा निरीक्षण समझ से परे है। स्कूल प्रवक्ता संघ ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इसमें हस्ताक्षेप कर निर्णय वापिस लें नहीं तो शिक्षक ड्यूटियों का बहिष्कार करेंगे।


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