बीड़ बिलिंग में लापरवाही की उड़ान, छह पायलट गंवा चुके हैं जान
Paragliding in Bir Billing without permission बीड़ बिलिंग में लापरवाही की उड़ान हो रही है। अब तक छह पायलट जान गंवा चुके हैं।
पपरोला, जेएनएन। बीड़ बिलिंग में लापरवाही की उड़ान हो रही है। बिना अनुमति व खराब मौसम में भी उड़ान से परहेज नहीं किया जा रहा है। वीरवार को हुए हादसे में दिल्ली से बीड़ बिलिंग घूमने आए स्वपनिल को हवा में उडऩे का रोमांच इस कदर भारी पड़ा कि उसकी जान पर बन आई है। करीब दस घंटे से बेहोश पड़े स्वपनिल को देर रात एक बजे बेहोशी की हालत में बीड़ स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया, जहां से उसे आगे रेफर कर दिया गया है। बिलिंग से कुछ पायलटों ने दिल्ली से घूमने आए पर्यटकों के साथ टेंडम उड़ान भरी थी। इनमें से दो पायलट तो पैसेंजर को लेकर सकुशल नीचे उतर आए। जबकि तीसरा पायलट खराब मौसम के कारण थाती की पहाडिय़ों की ओर निकल गया और वहां फंस गया। काफी देर बाद जब उसका संपर्क रेस्क्यू टीम के साथ हुआ तो टीम उन्हें रेस्क्यू करने के लिए भेजी गई, जो काफी मशक्कत के बाद दोनों को देर रात बीड़ लेकर आई। इनमें स्वपनिल बेहोशी की हालत में था।
इस समय बीड़ में काफी ट्रेवल एजेंसी के कार्यालय खुले हैं, इनमें कुछ का पर्यटन विभाग में पंजीकरण तक नहीं है। यही ट्रेवल एजेंसी यहां पैराग्लाइडिंग करवा रही हैं। इस समय बीड़ में 150 पायलटों के पास लाइसेंस हैं, जबकि पचास के करीब पायलट के पास लाइसेंस ही नहीं हैं। पहले भी यहां खराब मौसम के चलते टेंडम फ्लाइट की खबरें बैजनाथ प्रशासन को मिलती रही हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिसे निगरानी कमेटी का अध्यक्ष बनाया था, उसी ने खराब मौसम में इसकी शुरुआत की थी। वीरवार को सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर जाकर इसे बंद करवाया। डीसी कांगड़ा के दिशा निर्देश पर एसडीएम बैजनाथ रामेश्वर दास ने सात पायलटों के लाइसेंस छह माह के लिए रद कर दिए हैं, जबकि उन्होंने ओर भी कड़े कदम इस दिशा में उठाने को कहा है। बहरहाल 16 मार्च को सभी पायलटों को एसडीएम कार्यालय में हाजिर होने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले भी यहां पर कई हादसे हो चुके हैं। इनमें से छह लोग अपनी जान से हाथ धो चुके हैं।
वर्ल्ड कप या फिर अन्य कप के आयोजन पर स्थानीय प्रशाशन सुरक्षा के पूरे इंतजाम करता है, लेकिन अन्य दिनों में ऐसा नहीं होता है। बाहर से आने वाले पर्यटक इस बात से अनजान होते हैं कि यहां उडऩे का रोमांच उनकी जिंदगी के लिए कितना भारी पड़ सकता है। इसी बात का फायदा यह लोग उठाते हैं। बहरहाल डीसी कांगड़ा और एसडीएम की ओर से उठाए कदमों से इस पर कितना अंकुश लग पाता है या फिर दोबारा इनकी मनमानी ऐसे ही चलती रहेगी।