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पंडित तुलसी राम का राजस्‍व विभाग में क्‍लर्क से विधानसभा अध्‍यक्ष की कुर्सी तक का सफर, पढ़ें खबर

Pandit Tulsi Ram पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय तुलसीराम का राजनीतिक सफर बेहद खास रहा है। उन्हें भरमौर-पांगी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का संस्थापक भी कहा जाता है। यह वह दौर था जब भरमौर में कांग्रेस पार्टी काफी मजबूत थी।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 11:54 AM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 11:54 AM (IST)
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय तुलसीराम का राजनीतिक सफर बेहद खास रहा है।

भरमौर, मनोज ठाकुर। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय तुलसीराम का राजनीतिक सफर बेहद खास रहा है। उन्हें भरमौर-पांगी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का संस्थापक भी कहा जाता है। यह वह दौर था, जब भरमौर में कांग्रेस पार्टी काफी मजबूत थी। इसी दौर में वह राजस्व विभाग में क्लर्क के पद पर सेवाएं दे रहे थे। प्रभावशाली व्यक्तित्व को देखते हुए लोगों ने उनसे चुनाव लडऩे की गुजारिश की। उन्होंने 80 के दशक में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। वर्ष, 1985 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा। वर्ष, 1990 में उन्हें जनता का भारी समर्थन मिला तथा वह चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने। इसके बाद वह 1998 व 2007 में भी चुनाव जीते। वर्ष, 2007 में उन्हें विधानसभा अध्यक्ष चुना गया।

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भरमौर-पांगी विधानसभा क्षेत्र में किए कई विकास कार्य

पंडित तुलसीराम ने विधायक रहते हुए भरमौर में महाविद्यालय निर्माण के लिए प्रयास किए थे। उनके कार्यकाल में महाविद्यालय को स्वीकृत मिल गई।  इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग की घोषणा करवाई थी। उनके कार्यकाल में प्रपोजल सरकार को भेजा गया था। प्रसिद्ध शक्तिपीठ भरमाणी माता मंदिर के लिए सड़क बनवाई। उनके कार्यकाल में भरमौर क्षेत्र में करीब 12 विद्युत परियोजनाएं भी स्थापित हुई हैं जिनमें हजारों युवाओं को रोजगार मिला है।

पंडित तुलसीराम की जीवनी

पंडित तुलसीराम का जन्म भरमौर गांव में छांगा राम के घर 16 सितंबर, 1944 में हुआ था। उनके पिता पेशे से किसान व माता गृहिणी थीं। उन्होंने अपनी पढ़ाई भरमौर स्कूल से की। इसके बाद ग्राम पंचायत गरोला के बासंदा स्कूल में अध्यापक की नौकरी की। वह बच्चों को पढ़ाने के लिए घर से हर दिन करीब 20 किलोमीटर का पैदल सफर करते थे। इसके बाद उन्होंने राजस्व विभाग में 19 वर्ष सात माह तक क्लर्क के पद पर भटियात व पांगी में सेवाएं दीं। उनकी दो शादियां हुई थीं। उनकी पहली पत्नी शकुंतला देवी थीं, जिनकी गिरने के कारण मौत हो गई थी। शकुंतला देवी से उन्हें दो बेटे व दो बेटियां हुईं। बेटे खेतीबाड़ी करते हैं। वहीं बेटियों की शादी हो गई है। पहली पत्नी के निधन के बाद उन्होंने होली क्षेत्र की लीला शर्मा से शादी की थी।

पंडित तुलसीराम ने स्थापित किए नए आयाम

विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने कहा कि पंडित तुलसीराम ने स्वयं को विधानसभा के अध्यक्ष के पद पर सुशोभित करके अपने कार्यकाल में कई नए आयाम स्थापित किए। हम सभी उनके पदचिह्नों पर चल रहे हैं। उनके आशीर्वाद से ही जिला चंबा तथा भरमौर-पांगी विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी स्थापित हुई है। उनकी मृत्यु से प्रदेश को भारी क्षति हुई है।


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