पालमपुर में चाय बागान और वन भूमि को बना दिया डंपिंग स्थल Kangra News
चाय बागानों के साथ लगते क्षेत्रों में गंदगी ने इतनी जगह बना ली है कि अब यह शान पहचान खोने लगी है।
पालमपुर, जेएनएन। पालमपुर की पहचान चाय बागानों से है। हरे-भरे बागानों को देखने के लिए देश-विदेश से सैलानी पालमपुर आते हैं। बीते कुछ अरसे से चाय बागानों के साथ लगते क्षेत्रों में गंदगी ने इतनी जगह बना ली है कि अब यह शान पहचान खोने लगी है। यह समस्या नगर परिषद पालमपुर के लोहना स्थित कूड़ा संयंत्र के बंद होने से पैदा हुई है। लिहाजा पालमपुर ही नहीं अपितु निकटवर्ती क्षेत्रों में भी सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। अब जहां लोगों को घर से निकलने वाली गंदगी को फेंकने के लिए जगह मिलती है वहां पर उसे वह नजरें बचा कर फेंक देते है। नगर के साथ लगने वाली खड्डों में जहां गंदगी के ढेर अलग ही नजर आते हैं, वहीं चाय बागानों, ढांक, वन्य भूमि हर जगह पर गंदगी को फेंका जा रहा है।
हालात यहां तक खराब हो गए हैं कि अब तो निजी भूमि पर भी कूड़े को डंप करने से गुरेज नहीं किया जा रहा है। इस गंदगी में रसोई से निकलने वाले खाद्य पदार्थों को तो जानवर खा लेते हैं मगर प्लास्टिक कचरा सिरदर्द बन रहा है। दूध, ब्रेड, मेगी, बिस्कुट व पनीर आदि खाद्य पदार्थों और सौंदर्य प्रसाधनों के लिए प्रयुक्त होने वाले खाली पैकेट हर कहीं गंदगी के पहाड़ बनते जा रहे हैं। अंधेरा होते ही जहां पॉलीथीन में गंदगी को भरकर फेंकने पर लोगों ने जोर दिया हुआ है वहीं गाहे-बगाहे होटल और रेस्टोरेंट वाले भी गंदगी को खड्डोंं और वन्य क्षेत्र में फेंक रहे हैं। इतना ही नहीं अब तो बंद पड़े सरकारी भवनों को भी गंदगी से भरा जाने लगा है।
यहां फेंका जा रहा है कचरा
कालू दी हट्टी के पास चाय बागानों और वन्य क्षेत्र में कचरे को प्रमुखता से फेंका जा रहा है। मारंडा से वाया चौकी होकर पालमपुर आने वाले रास्ते के बीच में पडऩे वाले वन्य क्षेत्र में गंदगी के अंबार हंै। घुग्घर में मोल खडड के साथ निजी भूमि पर गंदगी ही गंदगी है। पालमपुर नगर परिषद के वार्ड नंबर एक में चर्च के पिछले भाग को गंदगी से पाट दिया गया है। यहां पर शैक्षणिक संस्थानों में आते हुए सुबह के समय बच्चों को छोडऩे आने वाले गुपचुप गंदगी को फेंक रहे हैं। लोहना पंचायत के तहत कैप्टन विक्रम बतरा कॉलेज मार्ग के निकट, होल्टा में सैन्य गेट के साथ लगते नाले, सीएसआइआर के निकट नाले, राजपुर में चौक के आगे वन्य भूमि, बिद्रावन के जंगल, सिद्धपुर सरकारी को जाने वाले मार्ग पर कुछ ऐसे चर्चित स्थान हैं जहां पर प्रमुखता से कचरे को फेंका जा रहा है।
सामाजिक जागरूकता जरूरी है। पालमपुर साफ-सफाई के लिए जाना जाता था मगर बीते कुछ अरसे से यहां पर समस्या गहरा गई है। पालमपुर के लिए विजन को लेकर कार्य नहीं हुआ है। यही कारण है कि यहां पर परेशानियां बढ़ रही हैं। इन्हीं परेशानियों में गंदगी प्रमुख है। वन भूमि को भी निशाना बनाया जा रहा है। -अनूप शर्मा।
पालमपुर में सबसे बड़ी समस्या कचरे के निष्पादन को लेकर है। कचरे को डिस्पोजल करने के लिए नगर परिषद पालमपुर को चाहिए कि इस विषय को सुलझाए। पंचायत आईमा में जिस तरह से कूड़ा संयंत्र बनाया गया है उसी तर्ज पर किसी अन्य स्थान पर संयंत्र बनाए। -एडवोकेट अरविंद वशिष्ट।
कचरा जगह-जगह फैला हुआ है। इसे उठाने के लिए कोई भी नहीं आता है। सूर्यादेव होटल के निकट कचरे का पहाड़ बनने लगा है। यह निजी भूमि है मगर चोरी-छिपे लोग रात को यहां पर कचरा फेंक जाते हैं। इस तरह से गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें जुर्माना होना चाहिए। पंचायत को चाहिए कि इस समस्या से निपटने के लिए जल्द समाधान करे। -सुरेश पठानिया, घुग्घर निवासी।
नगर परिषद पालमपुर को निर्देश दिए हैं कि जल्द पंचायतों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर कूड़ा संयंत्र की समस्या का समाधान करवाए। प्रशासन इस संबंध में मदद करेगा। साथ ही निकटवर्ती पंचायतों के प्रधानों से कहा गया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में कूड़ा संयंत्र लगवाने को लेकर संभावनाएं तलाशें। -एसडीएम पंकज शर्मा।