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अब इलाज पर खर्च होगा सिर्फ एक रुपया

योजना के तहत 365 रुपये देकर स्मार्ट कार्ड बनाया जाता है और इसमें परिवार के पांच सदस्य शामिल होते हैं।

By BabitaEdited By: Published: Tue, 02 Jan 2018 09:33 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jan 2018 01:12 PM (IST)
अब इलाज पर खर्च होगा सिर्फ एक रुपया
अब इलाज पर खर्च होगा सिर्फ एक रुपया

पालमपुर, जागरण संवाददाता। प्रदेश के हर नागरिक का मुफ्त इलाज होगा। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम (एचपीयूएचपीएस) के तहत यह राहत लोगों को मिलेगी। यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की तरह काम करेगी और जिन परिवारों के स्मार्ट हेल्थ कार्ड नहीं बने हैं, उन्हें इसमें शामिल कर अस्पताल में दाखिल होने पर 30 हजार से 1.75 लाख रुपये और कैंसर रोगियों को 2.25 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।

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प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे रहे बीपीएल परिवारों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाइ), मुख्यमंत्री स्टेट हेल्थ कार्ड स्कीम और मेडिकल रिइंबर्समेंट स्कीम के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा प्राप्त होती है, लेकिन जो लोग इस श्रेणी में नहीं आते हैं, उन्हें इलाज के लिए पैसे खर्च करने पड़ते थे।

इसके मद्देनजर अगस्त 2017 में एचपीयूएचपीएस शुरू की गई है लेकिन कुछ समय बाद ही आचार संहिता लगने से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया। अब नई सरकार बनते ही इस पर काम शुरू हो गया है। योजना के तहत 365 रुपये देकर स्मार्ट कार्ड बनाया जाता है और इसमें परिवार के पांच सदस्य शामिल होते हैं। ऐसे में अगर कोई बीमार होता है तो अस्पताल में दाखिल होने पर 30 हजार से 1.75 लाख रुपये तक के इलाज की मुफ्त सुविधा मिलेगी।

 

अगर कोई कैंसर का मरीज होता है तो उसका 2.75 लाख रुपये तक इलाज नि:शुल्क करवाया जाएगा। यही नहीं हृदय और अन्य गंभीर बीमारियों में भी यह सुविधा मिलेगी। प्रदेश में वर्तमान में पांच लाख परिवारों के आरएसबीवाइ के दो लाख और मुख्यमंत्री योजना के तहत दो लाख सरकारी कर्मचारियों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है। शेष परिवारों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। पिछले कुछ समय से 4180 परिवार इस योजना का लाभ लेने के  लिए पंजीकरण करवा चुके हैं और 2100 को कार्ड जारी भी हो चुके हैं।

यूं बनेगा कार्ड

योजना के तहत संबंधित कंपनी सभी मुख्य अस्पतालों में कार्ड बनाने की प्रक्रिया पर काम कर रही है। इसके लिए परिवार के सभी सदस्यों को मौके पर होना जरूरी होता है। मौके पर उनके हाथ के निशान और फोटो ली जाती है और उन्हें कार्ड जारी कर दिया जाता है। हालांकि साइबर कैफे और लोकमित्र केंद्रों में पंजीकरण  करवाते हैं तो इसके लिए 450 रुपये तक चुकाने पड़ते हैं।

एक रुपये प्रतिदिन के हिसाब से हालांकि सरकार की ओर से 365 रुपये कार्ड बनाने के लिए तय किए गए हैं यानी लोगों को इलाज का खर्च रोजाना एक रुपये पड़ेगा। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि लोगों पर अधिक बोझ न पड़े। संबंधित कंपनी अब जिला मुख्यालयों के बाद ब्लॉक स्तर पर भी कार्ड बनाने का काम शुरू करेगी।  

हमने छह माह में प्रदेश में बचे पांच लाख परिवारों के एचपीयूएचपीएस के तहत कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा है। अभी तक 4180 परिवार पंजीकरण करवा चुके हैं और 2100 को कार्ड दिए गए हैं। लोगों को सरकार की ओर से चलाई जा रही सुविधा का लाभ उठाने के लिए आगे आना चाहिए। 

-देवेंद्र कुमार, कंसल्टेंट आरएसबीआइ।

प्रदेश सरकार एचपीयूएचपीएस के तहत लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने जा रही है। इसके लिए हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसके लागू होने से सभी लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।

-विपिन सिंह परमार, स्वास्थ्य मंत्री

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