नगर निगम के विरोध में बुलंद की आवाज
संवाद सहयोगी पालमपुर नगर परिषद पालमपुर के विस्तार एवं नगर निगम की प्रस्तावना के विरोधिया
संवाद सहयोगी, पालमपुर : नगर परिषद पालमपुर के विस्तार एवं नगर निगम की प्रस्तावना के विरोधियों व पक्षधरों में घमासान जारी है। इसमें निकटवर्ती क्षेत्रों में बसी हाउसिग कालोनियों सहित समाजसेवी संस्थाओं ने नगर निगम को लेकर प्रयास जारी रखा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के बाशिदे विस्तारीकरण सहित नगर निगम का विरोध कर रहे हैं। बुधवार को जहां दोनों पक्षों ने सरकार को ज्ञापन भेजे थे वहीं वीरवार को महिला मंडल बंदला, टांडा व भरमात पंचायतों की महिलाओं ने एसडीएम धर्मेश रामोत्रा को ज्ञापन सौंपा तथा ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम से बाहर रखने की मांग उठाई।
महिला मंडलों का तर्क है कि नगर परिषद पालमपुर के विस्तार की अधिसूचना के बाद ग्रामीण क्षेत्रों की अधिकतर पंचायतें विरोध के लिए मुखर हुई हैं। उन्होंने बताया कि इन पंचायतों का अधिकतर इलाका ग्रामीण है तथा इन्हें नगर परिषद में मर्ज करने का कोई औचित्य नहीं है। दूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों को नगर परिषद या नगर निगम में मिलाए जाने से इन्हें समस्याएं पेश आएंगी तथा पंचायत स्तर पर होने वाले कार्याें के लिए लगभग पांच से छह किलोमीटर दूर पालमपुर के चक्कर काटने होंगे। अनेकों ग्रामीण क्षेत्रों का शहरीकरण संभव नहीं है क्योंकि यहां सुविधाएं जुटाने में सबसे अधिक समस्या रहेगी।
नगर परिषद पालमपुर के विस्तार को हरी झंडी मिलने के बाद 24 सितंबर को अधिसूचना जारी कर दी गई थी। इसके बाद शहरी विकास विभाग ने लोगों से आक्षेप व सुझाव के लिए दो सप्ताह को समय दिया था। अधिसूचना में नगर परिषद के साथ आसपास के 10 पटवार सर्किलों की 14 पंचायतों के 40 गांवों की 35 हजार से अधिक आबादी को मर्ज करने की बात कही है। इसमें पंचायत बंदला, चंदपुर, आईमा, राजपुर, विद्रावन व कल्याडकड़ आदि पंचायतें पहले ही परिषद में आने का विरोध कर चुकी हैं।