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एनपीएस कर्मचारी बोले, पश्चिम बंगाल में पुरानी पेंशन तो हिमाचल प्रदेश में क्यों नहीं

NPS Employees हिमाचल प्रदेश पंचायत सचिव संघ के राज्य प्रवक्ता विजय ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम को जल्द बहाल करे अन्यथा कर्मचारियों को आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के साथ अन्याय न करे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 08:21 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 08:21 AM (IST)
एनपीएस कर्मचारी बोले, पश्चिम बंगाल में पुरानी पेंशन तो हिमाचल प्रदेश में क्यों नहीं
हिमाचल प्रदेश पंचायत सचिव संघ के राज्य प्रवक्ता विजय ठाकुर

जसवां परागपुर, संवाद सहयोगी। NPS Employees, हिमाचल प्रदेश पंचायत सचिव संघ के राज्य प्रवक्ता विजय ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम को जल्द बहाल करे, अन्यथा कर्मचारियों को आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के साथ अन्याय न करे। उन्होंने न्यू पेंशन स्कीम को कर्मचारी विरोधी बताते हुए कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम कर्मचारियों का अधिकार है और इसके लिए प्रदेश के समस्त कर्मचारी एकजुटता के साथ इस मुद्दे को सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्री से उठा चुके हैं। प्रदेश सरकार न्यू पेंशन स्कीम लागू करने के लिए बाध्य नहीं है। एनपीएस का रिटर्न पूरी तरह बाजार के अधीन है जहां जोखिम की पूरी संभावना है। भविष्य में एनपीएस कर्मचारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। बाजार की बजाय कर्मचारियों द्वारा दिए जा रहे अंशदान को सरकारी खजाने में जमा किया जाना चाहिए।

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कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन की सरकार ने कई किस्में बना दी हैं, जबकि मंत्री और विधायकों को पहले की भांति समस्त लाभ मिल रहे हैं। केंद्र सरकार ने साफ कहा कि यदि राज्य सरकार चाहे तो अपने कर्मचारियों को  पुरानी पेंशन स्कीम के समस्त लाभ प्रदान कर सकती है। पश्चिम बंगाल में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश के अंदर  इस तरह की नई प्रथा के पीछे भागना सरकार के लिए सही नहीं है, जिससे  कर्मचारियों का अहित हो रहा हो।

उन्होंने वन रैंक, वन पेंशन का हवाला देते हुए कहा जिस प्रकार सरकार ने इस वर्षों पुराने मुद्दे का समाधान किया है, उसी प्रकार सरकार को वर्ष 2003 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों के साथ भी न्याय करना चाहिए। प्रत्येक सरकारी विभाग के अंदर कर्मचारियों का कार्य एक समान है जिसमें एक कर्मचारी को पुरानी पेंशन तो दूसरे को न्यू पेंशन स्कीम के अंतर्गत लाया जाना तर्कसंगत नहीं है।


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