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कांगड़ा के शक्तिपीठों में अब मोबाइल फोन से भी कर सकेंगे दान

जिला कांगड़ा के प्रमुख शक्तिपीठों चामुंडा ज्वालामुखी व बज्रेश्वरी धाम मंदिर परिसर को श्रद्धालुओं की सुविधा सुरक्षा तथा पारदर्शिता के लिए हाईटेक कर दिया गया है। श्रावण नवरात्र में चामुंडा मंदिर में दान के लिए क्यूआर कोड आधारित प्रणाली इस्तेमाल की गई थी।

By Virender KumarEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 09:27 PM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 09:27 PM (IST)
कांगड़ा के शक्तिपीठों में अब मोबाइल फोन से भी कर सकेंगे दान
कांगड़ा के शक्तिपीठों में अब मोबाइल फोन से भी दान कर सकेंगे । जागरण आर्काइव

धर्मशाला, संवाद सहयोगी। जिला कांगड़ा के प्रमुख शक्तिपीठों चामुंडा, ज्वालामुखी व बज्रेश्वरी धाम मंदिर परिसर को श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा तथा पारदर्शिता के लिए हाईटेक कर दिया गया है। श्रावण नवरात्र में चामुंडा मंदिर में दान के लिए क्यूआर कोड आधारित प्रणाली इस्तेमाल की गई थी। अब कांगड़ा जिला के तीनों ही शक्तिपीठों में दान के लिए क्यूआर कोड की व्यवस्था कर दी गई है। श्रद्धालु अब अपने मोबाइल फोन के माध्यम से भी दान दे सकते हैं।

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इसके अलावा इन मंदिरों में चल रही गतिविधियों की पल-पल की निगरानी के लिए सीसीटीवी फीड को लाइव करने के साथ जिलास्तर पर कमांड सेंटर भी स्थापित कर दिया गया है। जिलास्तरीय कमांड सेंटर से मंदिरों में चल रहे सभी कार्यों की मानीटङ्क्षरग सुनिश्चित होगी।

इसके अलावा सभी मंदिरों में हाजिरी के लिए फेस बायोमेट्रिक्स मशीन भी लगाई गई है, ताकि कर्मचारी समय पर मंदिर में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सकें। शक्तिपीठों को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक प्लान भी तैयार किया जा रहा है। साथ ही मंदिरों में स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया है।

उधर, उपायुक्त कांगड़ा डा. निपुण ङ्क्षजदल ने बताया कि जिला कांगड़ा के तीनों शक्तिपीठों को हाईटेक कर दिया गया है। सीसीटीवी फीड को लाइव करने के साथ जिला स्तर पर कमांड सेंटर भी स्थापित किया गया है। वहीं श्रद्धालु अब मोबाइल से भी धन दान कर पाएंगे।

राजा भरथरि व नाथों की कथा कल से

हमीरपुर जिला के उपमंडल बड़सर के अंतर्गत प्राचीन राजा भरथरि मंदिर पध्यान में राजा भरथरि व नाथों की कथा का आयोजन किया जा रहा है। समारोह में पंडित चमन लाल शास्त्री कथा वाचक होंगे। समारोह कलशयात्रा के साथ परिक्रमा व समस्त देवी देवताओं के आमंत्रण के साथ शुरू होगा। मंदिर कमेटी के सदस्य विजय कुमार शर्मा ने बताया कि कथा का आयोजन 19 व 20 नवंबर को दोपहर 12 बजे से 3.30 बजे तक होगा। वहीं, 21 नवंबर को पूर्णाहुति के बाद भंडारे का आयोजन किया जाएगा।


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