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सिरमौर में वन्य प्राणी विभाग की जगह अब वन मंडल के अधीन हो श्रीरेणुकाजी सेंचुअरी

जिला सिरमौर में वन्य प्राणी विभाग की श्रीरेणुकाजी सेंचुअरी को अब वन मंडल श्रीरेणुकाजी के अधीन लाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। वन्य प्राणी विभाग की 402 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली श्रीरेणुकाजी रेंज को वन विभाग के अधीन लाया जा सकता है।

By Richa RanaEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 05:30 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 05:30 PM (IST)
श्रीरेणुकाजी सेंचुअरी को अब वन मंडल के अधीन लाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।

नाहन, जागरण संवाददाता। जिला सिरमौर में वन्य प्राणी विभाग की श्रीरेणुकाजी सेंचुअरी को अब वन मंडल श्रीरेणुकाजी के अधीन लाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। वन्य प्राणी विभाग की 402 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली श्रीरेणुकाजी रेंज को वन विभाग के अधीन लाया जा सकता है। इसको लेकर विभागीय स्तर पर भी कयास लगाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में वन्य प्राणी विभाग की रेणुका सेंचुअरी से 13.61 हेक्टेयर क्षेत्र को डिनोटिफाइड करके वन मंडल रेणुका में समायोजित किया गया है। इसके चलते श्रीरेणुकाजी सेंचुअरी का दायरा घटकर 388.39 हेक्टेयर ही रह गया है।

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लंबे अर्से से ही श्रीरेणुकाजी सेंचुअरी का कामकाज शिमला के डीएफओ के अधीन चला आ रहा है। इसके चलते वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ की ओर से शिमला से ही सारी व्यवस्थाओं को चलाया जा रहा है। यहां तक कि श्रीरेणुकाजी सेंचुअरी के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी अपने कामकाज डाक व कागज पत्र ले जाने सहित तमाम कार्यों के लिए शिमला तक आना जाना पड़ता है। इससे श्रीरेणुकाजी सेंचुरी व मिनी जू की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। जबकि श्रीरेणुकाजी सेंचुअरी से वन मंडल कार्यालय रेणुका की दूरी चंद कदमों की है। यह आपस में एक दूसरे से सटे हुए भी हैं। श्रीरेणुकाजी में ही वन विभाग का मंडल कार्यालय मौजूद है।

इसके चलते श्रीरेणुकाजी सेंचुअरी को वन मंडल श्रीरेणुकाजी के अधीन लाया जा सकता है। ऐसे में मिनी जू की देखरेख व श्रीरेणुकाजी सेंचुअरी का कामकाज भी डीएफओ श्रीरेणुकाजी के हाथों मे रहेगा। श्रीरेणुकाजी सेंचुअरी का कामकाज सुगमता से चलाए जाने के साथ ही विकास की योजनाए भी संभव हो सकेंगी। साथ ही अधिकारियों व कर्मचारियों को भी शिमला आने जाने से भी छुटकारा मिल सकेगा।

उधर, वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ एन रविशंकर शर्मा ने बताया कि इस बारे उनके माध्यम से अभी कोई पत्राचार नहीं हुआ है, लेकिन ऐसी संभावना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि केवल 13.61 हेक्टेयर क्षेत्र को ही श्रीरेणुकाजी सेंचुअरी से डिनोटिफाइड करके वन मंडल श्रीरेणुकाजी के अधीन लाया जाना है। इस बारे अधिसूचना जारी हो चुकी है। जल्द ही इसे वन मंडल श्रीरेणुकाजी में मर्ज कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रीरेणुकाजी सेंचुरी को वन मंडल रेणुका के अधीन लाने को लेकर विचार किया जाएगा।


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