अब मनरेगा मजदूरी में देरी के लिए पंचायत सचिव नहीं होंगे जिम्मेवार, पढ़ें पूरा मामला
MGNREGA Labourers Payments हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग ने प्रदेश के समस्त मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को मनरेगा के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। मनरेगा के अंतर्गत पंचायत सचिवों के कर्तव्य बारे विभाग ने मार्गदर्शन किया है।
जसवां परागपुर, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग ने प्रदेश के समस्त मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को मनरेगा के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। मनरेगा के अंतर्गत पंचायत सचिवों के कर्तव्य बारे विभाग ने मार्गदर्शन किया है। मनरेगा कार्य से संबंधित समयबद्ध अदायगियों बारे जारी अधिसूचना अनुसार मनरेगा कार्य में पंचायत सचिव की कोई भूमिका नहीं है।
गौरतलब है कि अधिकांश मामलों में यह सामने आया है कि मनरेगा कामगारों को मजदूरी का भुगतान समय पर नहीं होता है, जिस कारण पंचायत सचिवों से जवाब तलबी की जाती है, जिसे लेकर पंचायत सचिव राज्य अध्यक्ष अमित जसरोटिया ने पंचायत सचिवों का पक्ष सरकार के समक्ष रखा था। विभाग ने पंचायत सचिवों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए अब साफ कह दिया है कि यदि मनरेगा मजदूरी में किसी भी प्रकार से देरी होती है तो इसके लिए पंचायत सचिव जिम्मेदार नहीं होंगे।
मनरेगा कार्य से संबंधित मस्टरोल ग्राम रोजगार सेवकों द्वारा तैयार किए जाते हैं तथा उनके द्वारा ही इसमें समयबद्ध हाजरियां लगाई जाती हैं। यह कार्य ग्राम सेवकों द्वारा आनलाइन किया जाता है। आनलाइन हाजरी इंद्राज होने के उपरांत मनरेगा कामगारों को इसकी अदायगी ईएफएमएस द्वारा आनलाइन जिला मुख्यालय से होती है। विभाग के पास देरी से हो रही अदायगियों की शिकायतें लगातार पहुंच रही थी जिस कारण अब विभाग ने 17 जून, 2017 के अंतर्गत जारी मनरेगा कार्य से संबंधित समयबद्ध अदायगियों बारे जारी अधिसूचना का जिक्र करते हुए कहा है कि इस मामले का जारी अधिसूचना के आधार पर परीक्षण उपरांत निपटारा करना सुनिश्चित बनाया जाए। यानी अब मनरेगा कामगारों की मजदूरी संबंधी अदायगी में विलंब होता है तो इसके लिए पंचायत सचिव उत्तरदायी नहीं होंगे।
वहीं, हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त निदेशक केवल शर्मा ने इस बारे दिए गए मार्गदर्शन की पुष्टि की है तथा प्रदेश के समस्त अतिरिक्त उपायुक्तों को भी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पंचायत सचिव संघ के राज्य प्रवक्ता विजय ठाकुर ने कहा कि इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग ने मार्गदर्शन देते हुए स्पष्ट कहा है कि मजदूरी में विलंब के लिए पंचायत सचिवों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा।