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विधानसभा में विधेयक पेश, हिमाचल में अब उद्योगपतियों को विभागों से नहीं लेनी होगी एनओसी, पढ़ें खबर

अब कोई भी उद्योग स्थापित करने से पहले उद्योगपति को विभिन्न विभागों से आठ कानूनों के तहत अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं लेने होंगे।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 08:46 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 08:46 AM (IST)
विधानसभा में विधेयक पेश, हिमाचल में अब उद्योगपतियों को विभागों से नहीं लेनी होगी एनओसी, पढ़ें खबर
विधानसभा में विधेयक पेश, हिमाचल में अब उद्योगपतियों को विभागों से नहीं लेनी होगी एनओसी, पढ़ें खबर

धर्मशाला, राज्य ब्यूरो। अब कोई भी उद्योग स्थापित करने से पहले उद्योगपति को विभिन्न विभागों से आठ कानूनों के तहत अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं लेने होंगे। इस संबंध में राज्य विधानसभा में हिमाचल प्रदेश सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (स्थापना और संचालन की सुविधा) विधेयक पेश हो गया है। इसे उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने पेश किया। इससे पहले सरकार ने अध्यादेश जारी किया था। अगर विधेयक सदन से पारित हो गया तो उससे हजारों लघु उद्यमियों को राहत मिलेगी। उद्योगपति केवल घोषणापत्र देकर ही उद्योग स्थापित कर सकेंगे।

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घोषणापत्र प्राप्त होते ही संबंधित नोडल अधिकारी जैसे महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र/उपनिदेशक उद्योग, एकल खिड़की निकासी संस्था, बद्दी/सदस्य सचिव, क्षेत्र के एकल खिड़की निकासी संस्था द्वारा पावती प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। प्रमाणपत्र प्राप्त होने के बाद उद्योगपति अगले तीन वर्ष के लिए बिना किसी स्वीकृति के उद्योग शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा सदन में माल और सेवाकर संशोधन विधेयक भी पेश किया गया।

इन अधिनियमोंं को किया कवर

विधेयक में आठ विभिन्न अधिनियमों को कवर किया गया है। इनमें हिमाचल प्रदेश पंचायती राज एक्ट, 1994, हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1994, हिमाचल प्रदेश म्युनिसिपल एक्ट, 1994, हिमाचल प्रदेश फायर फाइङ्क्षटग सर्विसेज एक्ट, 1984, हिमाचल प्रदेश रोड साइड लैंड कंट्रोल एक्ट, 1968, हिमाचल प्रदेश शॉप्स एंड कमर्शियल एस्टेबलिशमेंट एक्ट, 1969, हिमाचल प्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 2006 तथा हिमाचल प्रदेश टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट, 1977 शामिल हैं।

भूमि मालिकों को भी राहत

अध्यादेश के जरिये भूमि मालिकों भी बड़ी राहत दी गई है। अब प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए जमीन खरीदने के निवेशकों और भूमालिकों को बिचौलिये की जरूरत नहीं रहेगी। उद्योग विभाग के तैयार किए जा रहे लैंड बैंक में इच्छुक भूमालिकों की जमीन को भी शामिल किया जा रहा है। निवेशकों की सुविधा के लिए लैंड बैंक की जानकारी राइङ्क्षजग हिमाचल एप में अपलोड की जा रही है। इसमें मालिक के नाम, कितनी जमीन, लीज या बेचना चाहता, जैसी पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है। ऐसे में प्रदेश या दूसरे राज्यों सहित विदेशों के निवेशक ऑनलाइन स्थान का चयन कर वहां जमीन खरीद या लीज पर ले सकेंगे।


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