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हिमाचल के दो बड़े अस्‍पतालों में भी होगी काेरोना वायरस सैंपल की जांच, नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार

Coronavirus केंद्र सरकार ने आइजीएमसी और टीएमसी कांगड़ा को कोरोना वायरस की जांच को लेकर टेस्ट करने के लिए अधिकृत कर दिया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 10 Mar 2020 10:30 AM (IST)Updated: Tue, 10 Mar 2020 02:58 PM (IST)
हिमाचल के दो बड़े अस्‍पतालों में भी होगी काेरोना वायरस सैंपल की जांच, नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार

कांगड़ा/शिमला, जेएनएन। केंद्र सरकार ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) एवं अस्पताल शिमला और डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा (टीएमसी) कांगड़ा को सोमवार को कोरोना वायरस की जांच को लेकर टेस्ट करने के लिए अधिकृत कर दिया है। दो दिनों में इन दोनों मेडिकल कॉलेजों में सैंपलों की जांच शुरू हो जाएगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों के तहत शुरुआत में दो सैंपल लिए जाएंगे। इनमें से एक सैंपल की जांच आइजीएमसी व टीएमसी में की जाएगी।

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दूसरा सैंपल पुणे भेजा जाएगा, जिससे रिपोर्ट को मिलाया जा सके। प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेजों में जांच शुरू होने से अब रिपोर्ट के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अभी तक जो सैंपल लिए जा रहे थे, उन्हें जांच के लिए एम्स दिल्ली और पीजीआइ चंडीगढ़ भेजा जा रहा था। प्रदेश में कोरोना वायरस की जांच के लिए चार सैंपल लिए गए थे। इनमें से तीन की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। अभी एक सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। सोमवार को कोरोना को लेकर प्रदेश के सभी जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस से बैठक हुई। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आरडी धीमान ने बताया कि बैठक में आवश्यक निर्देश दिए गए। कोरोना के खिलाफ लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

स्कूलों में बड़े कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों में बड़े कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा दी है। निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन न करें, जिनमें ज्यादा लोग एकत्रित हों। सर्दी, बुखार से पीड़ित बच्चों को स्कूल न बुलाया जाए। अभिभावक उन बच्चों को स्कूल न भेजें जिन्हें सर्दी या बुखार हो। स्कूलों को आदेश दिया गया है कि ऐसे बच्चों की पहचान करें जिन्हें सर्दी, खांसी और बुखार हो। ऐसे बच्चों और उनके अभिभावकों को बच्चों को घर पर रखने की सलाह दें। स्कूलों में मास्क का स्टॉक भी रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल किया जा सके। शिक्षकों व विद्यार्थियों को कहा गया है कि वे हाथ मिलाने से परहेज करें।

स्कूलों में चलाएं जागरूकता कार्यक्रम

शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. प्रमोद चौहान ने सभी सरकारी व निजी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि विद्यार्थियों में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाए। स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर इस संबंध में जानकारी चस्पां करें। यदि कोई शिक्षक या छात्र उन 19 देशों में घूमने गए हों जहां कोरोना वायरस फैला था तो वे इसे छुपाएं नहीं। वे 14 दिनों तक डॉक्टरों की निगरानी में रहें।

स्कूलों को ये दिए निर्देश

  • छींकने, खांसने, टॉयलेट आदि के बाद और बीमार व्यक्ति से मिलने, खाना पकाने अथवा खाना खाने आदि से पहले और बाद में साबुन व पानी से हाथ धोएं।
  • छींकते व खांसते समय नाक और मुंह को रूमाल, टिश्यू या कोहनी से ढंककर रखें। आंखों को न छुएं।
  • खांसी, जुकाम, बुखार या सांस लेने में तकलीफ की दशा में तत्काल चिकित्सक से संपर्क करे।
  • जो छात्र बुखार, सर्दी, खांसी या जुकाम से पीड़ित हैं, शिक्षक उनके माता-पिता से संपर्क कर स्वास्थ्य ठीक होने तक स्कूल न भेजने का अनुरोध करें।
  • प्रार्थना सभा में बच्चों को जागरूक करें।

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