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बच्‍चों को अब बिगाड़ेगा नहीं, सुधारेगा मोबाइल फोन; पढ़ें पूरी खबर

जिस मोबाइल को आज के दौर में बच्चों के बिगडऩे का मुख्य कारण माना जा रहा है अब उसी के जरिए बच्चों को बेहतर शिक्षा और नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाएगा।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 07:47 AM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 07:47 AM (IST)
बच्‍चों को अब बिगाड़ेगा नहीं, सुधारेगा मोबाइल फोन; पढ़ें पूरी खबर
बच्‍चों को अब बिगाड़ेगा नहीं, सुधारेगा मोबाइल फोन; पढ़ें पूरी खबर

मंडी, मुकेश मेहरा। जिस मोबाइल को आज के दौर में बच्चों के बिगडऩे का मुख्य कारण माना जा रहा है, अब उसी के जरिए बच्चों को बेहतर शिक्षा और नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाएगा। केंद्र सरकार के नए निष्ठा कार्यक्रम के तहत यह व्यवस्था की गई। इसमें अब शिक्षक मोबाइल के जरिए भी बच्चों को कठिन विषयों या अन्य जरूरी बातों की जानकारी दे सकेंगे। यही नहीं एमएचआरडी विभाग की वेबसाइट में मौजूद शिक्षा से संबंधित डाटा को रखने के लिए शिक्षकों को बाकायदा पैन ड्राइव भी दी गई हैं।

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वर्तमान में प्रदेश के डाइट संस्थानों सहित अन्य जगहों पर शिक्षकों की निष्ठा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में शिक्षकों को बच्चों को सरल से सरल भाषा में विषयों की जानकारी देने और नैतिकता की भावना उनमें किस तरह से जगाई जाएगी इसकी जानकारी दी जा रही है। इस प्रशिक्षण के जरिए शिक्षकों को बच्चों से उनकी भाषा में आसान तरीके से बात समझाने के लिए ट्रेंड किया जा रहा है। इसमें शिक्षक एमएचआरडी के एप के साथ-साथ यू-ट्यूब या अन्य तरीकों से जानकारी प्रदान कर सकेंगे। इसके जरिए अलग-अलग तरह के कार्यक्रम भी तैयार कर बच्चों को पढ़ाने में मदद करेंगे।

शिक्षकों को बना रहे टेक्नो फ्रेंडली

जानकार बाते हैं कि शिक्षकों के पास मौजूद स्मार्ट फोन भी आइसीटी लैब का ही एक रूप हैं। जरूरी नहीं की आइसीटी लैब के जरिए ही बच्चों को तकनीकी पढ़ाई करवाई जाए। शिक्षक यदि टेक्नो फ्रैंडली होंगे तो वे मोबाइल के जरिए भी बेहतर और आसान तरीके से खेल-खेल में बच्चों को जानकारी प्रदान कर सकेंगे। इसके लिए उनको पैन ड्राइव भी प्रशिक्षण के दौरान मुहैया करवाई गई है।

निष्ठा कार्यक्रम के तहत बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ाने के साथ-साथ नैतिकता की भावना जागृत करने के लिए जानकारी दी गई है। इसमें शिक्षक बच्चों को अपने स्मार्ट फोन के जरिए भी आसान तरीक से समझा सकेगा।

-बलवीर भारद्वाज, प्राचार्य डाइट संस्थान मंडी।

शिक्षक का मोबाइल फोन भी आइसीटी लैब की तरह काम कर सकता है। कई स्कूलों में इस प्रकार की लैब न होने से शिक्षक अपने स्मार्ट फोन से भी बच्चों को आसानी से पढ़ा सकेंगे। निष्ठा कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। -डॉ. चांद किशोर, प्राचार्य डाइट संस्थान, कुल्लू।


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