हरिपुर-देहरा सड़क की हालत खस्ता, आसान नहीं सफर
देहरा से जवाली सड़क की खस्ता हालत के कारण इस सड़क पर सफर आसान नहीं है।
आनंद किशोर, हरिपुर
देहरा से जवाली सड़क की खस्ता हालत किसी से छुपी हुई नहीं है। हरिपुर से देहरा तक 17 किलोमीटर लंबी सड़क पर सफर करना जोखिम से कम नहीं है। फिर चाहे आप पैदल जा रहे हों या किसी वाहन से। ऐसे में जरा सी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है, क्योंकि इस सड़क पर कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं है जिसकी हालत खराब न हो। इस सड़क की विशेष महता है क्योंकि अगर ज्वालामुखी से कोई वाहन चालक जसूर पठानकोट की ओर जाना चाहता है तो यह मार्ग उसके लिए फायदेमंद रहता है। इस सड़क से जवाली व जसूर की दूरी भी बेहद कम है, लेकिन खस्ताहाल सड़क से गुजरने में अधिकतर चालक परहेज करते हैं। कुछ वाहन चालक यहां से गुजरते भी हैं तो विभागीय कार्यप्रणाली को कोसते नजर आते हैं। कछुआ चाल से चल रहा कार्य
वर्तमान समय में इस सड़क को चौड़ा करने का कार्य चल रहा है, लेकिन दो साल से कछुआ गति से हो रहे कार्य के कारण लोगों में रोष है। विभाग ने सड़क पर कहीं भी चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया है। हरिपुर चौक से देहरा रोड पर थोड़ी ही दूरी पर सड़क की हालत बेहद खराब हो चुकी है। खस्ताहाल सड़क की वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गाड़ियों के आने-जाने से उड़ रही धूल के कारण दुकानदारों का सामान भी खराब हो रहा है।
-अनिल आचार्य, हरिपुर निवासी। पूरे राज्य में सड़कों का कार्य चलता है, पर वह समय पर पूरा होता है। परंतु देहरा-हरिपुर सड़क का कार्य आज तक पूरा ही नहीं हो है। आखिर कमी कहां है, यहां के लोगों में या प्रशासन में।
-अतुल महाजन, प्रधान व्यापार मंडल हरिपुर। सड़क के लिए सबसे अधिक जमीन हमारी ही गई है और सबसे अधिक परेशानी का सामना भी हमें ही करना पड़ रहा है। खोदाई के दौरान पानी की पाइप उखाड़ी गई थी जो आज तक बहाल नहीं हो पाई है।
-संदीप शर्मा, स्थानीय निवासी। हरिपुर-देहरा सड़क खड्ड ज्यादा दिखाई देती है। जगह-जगह पड़े गड्ढे, कीचड़ और बहता पानी आने-जाने वालों के लिए मुसीबत बना हुआ है, लेकिन विभाग मूकदर्शक बना हुआ है।
-राकेश धीमान, निवासी झकलेड़। सड़क का कार्य कछुआ चाल से चला हुआ है और मुझे नहीं लगता कि यह अगले आठ वर्ष तक पूरा हो। जिस ठेकेदार को यह कार्य मिला था उसने आगे किसी और ठेकेदारों को सबलेट कर दिया है।
-सुकृत सागर, समाजसेवी। सड़क का कार्य जिस गति से चल रहा है, उससे लगता है कि 17 किलोमीटर सड़क बनने में 10 वर्ष लगेंगे। यही हाल रहा तो बसें भी बंद करनी पड़ेंगी क्योंकि क्यूंकि बसों की मेंटिनेंस भी महंगी हो रही है।
-हैप्पी अवस्थी, प्रधान निजी बस ऑपरेटर यूनियन कांगड़ा।
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सड़क के काम में हुई लेटलतीफी को लेकर संबंधित ठेकेदार के खिलाफ तय एग्रीमेंट के हिसाब से विभागीय कार्रवाई की जा रही है।
-एसके शर्मा, मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग धर्मशाला।