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राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में अब सृजित होंगे उप-प्रधानाचार्य के पद : सीएम

मुख्यमंत्री ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में उप प्रधानाचार्य का पद सृजित करने तथा स्कूल लेक्चरर के पदोन्नती कोटे को 50 से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने की घोषणा की है।

By Munish DixitEdited By: Published: Fri, 23 Nov 2018 04:53 PM (IST)Updated: Fri, 23 Nov 2018 04:54 PM (IST)
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में अब सृजित होंगे उप-प्रधानाचार्य के पद : सीएम
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में अब सृजित होंगे उप-प्रधानाचार्य के पद : सीएम

जेएनएन, पालमपुर। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शुक्रवार को कांगड़ा जिला के चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में सार्वभौमिक, निःशुल्क, अनिवार्य तथा गुणात्मक शिक्षा पर राज्य स्तरीय शिक्षा सम्मेलन को संबोध‍ित करते हुए घोषणा क‍ि शिक्षा विभाग में कार्यरत पीजीटी का नाम बदल कर प्रवक्ता किया जाएगा। सम्मेलन का आयोजन प्रदेश स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री ने गुरू नानक देव जयंती के अवसर पर प्रदेश के लोगों विशेषकर सिख समुदाय को बधाई दी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें राज्य में विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में हुए विकास पर गर्व है। प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक तथा मात्रात्मक दोनों क्षेत्रों में बेहतर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में अधोसंरचना स्तरोन्यन किया गया है और हजारों प्रशिक्षित अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया आरंभ की गई है ताकि प्रत्येक शिक्षण संस्थान में पर्याप्त संख्या में अध्यापकों की तैनाती सुनिश्चित बनाई जा सके।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश को देश का शिक्षा हब बनाने के लिए अनेक योजनाएं आरंभ की है। उन्होंने कहा कि प्रतिभावान विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग प्रदान करने के लिए वित्तीय सहायता देने के लिए मेधा प्रोत्साहन योजना आरंभ की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में उप प्रधानाचार्य का पद सृजित किया जाएगा। उन्होंने स्कूल लेक्चरर के पदोन्नती कोटे को 50 से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने की भी घोषणा की। उन्होंने कम परिणाम वाले अध्यापकों की वार्षिक वृद्धि पर लगी रोक को एक बार के लिए वापिस लेने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सार्वभौमिक निःशुल्क अनिवार्य एवं गुणात्मक शिक्षा की स्मारिका का भी विमोचन किया। इस स्मारिका का सम्पादन प्रेम शर्मा द्वारा किया गया है। मुख्यमंत्री को इस अवसर पर हि.प्र. स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के सदस्यों की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए पांच लाख का चेक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित किया।

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि प्रदेश के शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि हिमाचल देश के शिक्षा हब के रूप में उभरें। उन्होंने देश की गुरू-शिष्य परम्परा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज अध्यापकों के प्रति सम्मान धीरे-धीरे कम हो रहा है, जिस पर आत्म चिंतन की आवश्यकता है।

संघ के महासचिव संजीव ठाकुर ने मुख्यमंत्री व अन्य उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जमा एक व जमा दो कक्षाओं में विद्यार्थियों के स्कूल छोड़ने की दर न्यूनतम है, जिससे यह पता चलता है कि स्कूलों के प्रवक्ता सम्पर्ण व ईमानदारी से कार्य करते हैं।

इस मौके पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री किशन कपूर, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला, विधायक राकेश पठानिया, रविन्द्र धीमान, मुलख राज प्रेमी, पूर्व विधायक दूलो राम, राज्य महिला मोर्चा की अध्यक्ष इन्दु गोस्वामी, कांगड़ा सहकारी बैंक के अध्यक्ष डॉ. राजीव भारद्वाज, ज़िला भाजपा अध्यक्ष विनय शर्मा, चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय के उप कुलपति प्रो. अशोक सरेल, उपायुक्त कांगड़ा संदीप कुमार, पुलिस अधीक्षक कांगड़ा संतोष पटियाल अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित इस अवसर पर उपस्थित थे।


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