रामपुर बुशहर,
संवाद सहयोगी।
महात्मा गांधी सेवा चिकित्सा परिसर खनेरी में जनवरी माह से कान का चिकित्सक नहीं है और न ही बीते करीब अढ़ाई माह अल्ट्रासाउंड सुविधा अस्पताल में मिल पा रही है। इस कारण मरीजों को कई प्रकार की समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है, जबकि अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए निजी लैब की ओर रुख करने को मजबूर होना पड़ रहा है। खनेरी अस्पताल चार जिलों के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाता है, लेकिन अस्पताल में लंबे समय से कान के चिकित्सक का पद खाली होने से मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है और उन्हें शिमला अपना इलाज करने के लिए जाना पड़ रहा है।
ये पद हैं खाली
जनवरी माह में कान के चिकित्सक सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद से यह पद खाली चल रहा है। वहीं दूसरी ओर अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी अस्पताल में कभी भी सुचारू रूप से मरीजों को नहीं मिल पाई। बीते अढ़ाई माह से अल्ट्रासाउंड करने के लिए रेडियोलाजिस्ट का पद खाली है। इसे भी सरकार वह स्वास्थ्य विभाग अभी तक भर नहीं पाई है। इसके चलते स्थानीय लोगों में भी स्वास्थ्य विभाग और सरकार के प्रति गहरा रोष है। अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए विशेषकर गर्भवती महिलाओं को सबसे अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें निजी लैब में महंगे दामों पर अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है। इन दोनों पदों को भरने के लिए कई बार स्थानीय लोगों सहित विभिन्न संगठनों ने भी आवाज उठाई गई, लेकिन खनेरी अस्पताल की इस समस्या को कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा है। खनेरी अस्पताल के एमएस प्रकाश डरोच ने भी माना कि दोनों पद खाली चल रहे हैं। इन्हें भरने के लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है और उम्मीद जताई है कि जल्द यहां पर इनकी तैनाती विभाग कर देगा।
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