Move to Jagran APP

सड़क के इंतजार में दशकों बीते, पुंदर के छह परिवारों का अब टूटा सब्र, बोले- मार्ग न बना तो कर लेंगे आत्‍महत्‍या

विकास खंड नूरपुर की पंचायत पुंदर के गांव जौंटा(24 मील) के वार्ड एक में छह घरों को जाने का रास्ता ही नहीं है। जो रास्ता है उस रास्ते पर पड़ोसी अपना हक जमाए बैठें हैं। रास्ता नहीं दिया जाता तो वह परिवार सहित खुदकुशी करने को तैयार हैं।

By Richa RanaEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 01:56 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 02:37 PM (IST)
सड़क के इंतजार में दशकों बीते, पुंदर के छह परिवारों का अब टूटा सब्र, बोले- मार्ग न बना तो कर लेंगे आत्‍महत्‍या
पुंदर के गांव जौंटा(24 मील) के वार्ड एक में छह घरों को जाने का रास्ता नहीं है।

अशवनी जसूर, जेएनएन। विकास खंड नूरपुर की पंचायत पुंदर के गांव जौंटा (24 मील) के वार्ड एक में छह घरों को जाने का रास्ता ही नहीं है। जो रास्ता है उस रास्ते पर पड़ोसी अपना हक जमाए बैठे हैं। रास्ता न होने पर सरकार व प्रशासन से स्थानीय लोग कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई । सेवानिवृत्त सैनिक महाशू राम ने सरकार व प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उन्हें रास्ता नहीं दिया जाता तो वह परिवार सहित खुदकुशी करने को तैयार हैं, जिसके लिए सरकार व प्रशासन जिम्मेवार होगा।

loksabha election banner

पीड़ित महाशू राम ने बताया कि मेरे पिता द्वारा 1952 में मकान बनाया गया था। जमीन छह कनाल थी जिसमे तीन कनाल भूमि हमारी थी। 1965-66 में वे फ़ौज में चले गए थे, फ़ौज से सेवानिवृत्त होने के बाद पुलिस में नौकरी करने लग पड़े। हिमाचल पुलिस में 2005 में सेवानिवृत्त हुए।सर्विस के दौरान उस समय गांव की प्रधान ने हमारे घर के लिए दो मीटर का पक्का रास्ता बनाया था। जोकि 2015 में ये रास्ता तोड़ दिया गया और पड़ोसियों ने कहा कि ये रास्ता सरकारी नहीं है हमारी जमीन में बना है। रास्ता नहीं दिया जाएगा।

पीड़ित पक्ष द्वारा रास्ता बंद करने पर न्यायालय में केस किया और न्यायालय के फैसले में उनके घरों को डेढ़ मीटर रास्ता दिया गया। न्यायालय के फैसले के बाबजूद भी पड़ोसी ने रास्ता देने के लिए मना कर दिया। पंचायत द्वारा भी हस्तक्षेप करने पर भी रास्ता नहीं दिया गया। महाशू राम अनुसार उन्हें अपने घरों तक आने जाने की बहुत ही असुविधा है। इस समस्या के बारे प्रशासन को कहा गया लेकिन अभी तक किसी ने भी समस्या का समाधान नहीं किया। अगर सरकार व प्रशासन द्वारा हमें रास्ता नहीं दिया गया तो मेरे परिवर वाले सभी खुदकुशी करने को तैयार है,जिसकी जिम्मेवारी सरकार व प्रशासन की होगी।

पंचायत प्रधान सरला देवी ने बताया कि जो 2016 में जवाहर रोजगार योजना के तहत रास्ता बनाया गया है उसकी पूरी जानकारी नहीं है। पूरी जानकारी प्राप्त करने और जांच-पड़ताल करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

खंड विकास अधिकारी नूरपुर डॉक्‍टर रोहित शर्मा ने बताया कि  मामला मेरे संज्ञान में नहीं था।मुझे मीडिया द्वारा इसकी जानकारी हासिल हुई है।मैंने पंचायत सचिव को निर्देश दे दिए है कि इस मामले की जांच की जाए और रिपोर्ट मुझे प्रस्तुत करें। अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है तो हम यथासंभव सहायता परिवार वालों को  देने का प्रयत्न करेंगे। रास्ते के निर्माण के लिए जो भी औपचारिकताएं  हैं उन्हें पूरा करने का प्रयास करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.