Move to Jagran APP

बच्चों के खाते में धन जमा होने से भ्रष्टाचार होगा खत्म : शांता

कांगडा-चंबा संसदीय क्षेत्र के वर्तमान सांसद शांता कुमार ने महिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय की सराहना की है। इसके अंतर्गत आगंनबाडी में छोटे बच्चों और गभर्वती महिलाओं को राशन वितरण के स्थान पर सीधे खाते में धन जमा कराने की योजना बनी है। उन्होंने मंत्री मेनका गांधी को पत्र लिख कर इसके लिए हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि सरकार इस अत्यन्त महत्वपूर्ण और सराहनीय कार्यक्रम के लिए प्रतिवर्ष हजारों करोड़ रुपये खर्च करती है। भारत जैसे देश में छोटे बच्चों और गभर्वती महिलाओं

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 06:49 PM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 06:49 PM (IST)
बच्चों के खाते में धन जमा होने से भ्रष्टाचार होगा खत्म : शांता

संवाद सहयोगी, पालमपुर : सांसद शांता कुमार ने महिला व बाल विकास मंत्रालय के निर्णय की सराहना की है। इसके अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र में छोटे बच्चों और गभर्वती महिलाओं को राशन वितरण के स्थान पर सीधे खाते में धन जमा कराने की योजना बनी है। इसके उन्होंने मंत्री मेनका गांधी को पत्र लिखकर बधाई दी है। उन्होंने कहा सरकार इस कार्यक्रम के लिए प्रतिवर्ष हजारों करोड़ रुपये खर्च करती है। भारत जैसे देश में छोटे बच्चों और गभर्वती महिलाओं की सहायता अत्यंत आवश्यक है। परंतु देश का दुर्भाग्य है कि नीचे तक की वितरण व्यवस्था न ही पूरी तरह कुशल है और न ईमानदार है। इस योजना में कई प्रकार की कमियां और भ्रष्टाचार होता रहा है। सभी लाभार्थियों को पूरा राशन समय पर नहीं मिलता है और अच्छी गुणवत्ता भी नहीं होती है। अब शुरू की गई योजना से लाभार्थी को पूरा लाभ पहुंचेगा, साथ ही सरकार को भी राजस्व की बचत होगी। आंगनबाड़ी केंद्रों में दिए जाने वाले सामान व राशन को खरीदने, रखने, ले जाने और फिर वितरण करने में जितना अधिक खर्च होता है वह भी बच जाएगा।

loksabha election banner

केंद्र सरकार ने उनकी अध्यक्षता में खाद्य निगम और वितरण व्यवस्था के मूल्याकंन के लिए कमेटी गठित की थी। उस विचार-विमर्श में उन्हें यह आभास हुआ कि पूरी प्रणाली में भयंकर फिजूलखर्ची और भ्रष्टाचार है। योजना आयोग की एक कमेटी का निष्कर्ष था कि सरकार एक रुपये का अनाज मंडी से खरीदती है, उसे ले जाने, संभालने और फिर उपभोक्ता तक वितरण करने में तीन रुपये खर्च हो जाते हैं। कमेटी ने सुझाव दिया था कि यदि लाभार्थी को दिए जाने वाले लाभ का धन नकद व्यक्ति के खाते में जमा करवा दिया जाए, तो पूरी वितरण व्यवस्था से सरकार को 40 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। तत्कालीन कमेटी को बताया गया था कि पूरे देश में लगभग 25 प्रतिशत अनाज लाभार्थी तक पहुंचता ही नहीं है। सीधे नगद धन खाते में जमा कराने से यह भ्रष्टाचार स्वयं ही समाप्त हो जाएगा।

उन्होंने मंत्रालय से निर्णय को अतिशीघ्र लागू करने का आग्रह किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.