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पर्यावरण के साथ सेहत भी बचाएगा यह आधुनिक कुक स्टोव, आइआइटी पास अंकुर ने किया विकसित, जानिए

Modern Cook Stove अंकुर ने ऐसा कुक स्टोव तैयार किया है जिससे कई काम होंगे। कुक स्टोव पर सब्जी पकाने के साथ दूध पानी व कमरा भी गर्म कर सकेंगे।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 09:54 AM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 10:03 AM (IST)
पर्यावरण के साथ सेहत भी बचाएगा यह आधुनिक कुक स्टोव, आइआइटी पास अंकुर ने किया विकसित, जानिए

सोलन, सुनील शर्मा। देश सहित प्रदेश की महिलाओं को अब चूल्हे से निकलने वाले धुएं से निजात मिलने वाली है। इससे जहां सांस से संबंधित बीमारियों का खतरा कम होगा, वहीं बहुमूल्य वन संपदा भी बचेगी। जिला सोलन के अर्की निवासी अंकुर कौंडल ने इसका समाधान निकाला है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के विद्यार्थी रहे अंकुर ने ऐसा कुक स्टोव तैयार किया है, जिससे कई काम होंगे। कुक स्टोव पर सब्जी पकाने के साथ दूध, पानी व कमरा भी गर्म कर सकेंगे। अंकुर की मानें तो गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमत और वायु प्रदूषण को देखते हुए उसके मन में आधुनिक कुक स्टोव बनाने का ख्याल आया। अंकुर ने स्टोव के 20 सैँपल तैयार भी कर लिए हैं, जो जल्द बाजार में उपलब्ध होंगे।

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कैसा होगा कुक स्टोव

आयरन से बना कुक स्टोव 18 किलो का होगा। इसके अंदर दस लीटर क्षमता का पानी का टैंक, चिमनी, कंबर्शन, दो फ्लेम और पाइप होंगी। स्टोव लकड़ी से जलेगा। स्टोव के ऊपर हाई टेंपरेचर पेंट किया हुआ है जो एक हजार डिग्री तक की गर्मी सहन कर सकता है। स्टोव को नल से भी जोड़ा जा सकता है और गर्म पानी को सीधा निकाला जा सकता है। जब इस पर खाना बनाया जाएगा तो उसके साथ ही अंदर उन्हीं लकडिय़ों से पानी व दूध भी गर्म हो सकेगा।

चार से छह हजार कीमत

अर्की क्षेत्र के दाड़लाघाट के छांवला निवासी अंकुर ने बताया कि उत्पाद विकसित करने के लिए आइआइटी मंडी ने 1.5 लाख, आई क्रिएट अहमदाबाद ने 7.5 लाख रुपये की मदद दी है। उनका यह प्रोजेक्ट रिसर्च के लिए स्वीकृत हुआ था। प्रदेश सरकार की तरफ से उन्हेंं एक साल तक 25 हजार रुपये का सस्टेनेंस अलाउंस भी दिया जा रहा है। उन्होंने आइआइटी मंडी से मास्टर इन साइंस बाई रिसर्च की पढ़ाई 2016 में पूरी की है। अब वह अपने उत्पाद का उद्योग मंडी में लगाने जा रहे हैं। उनके इस उत्पाद की लागत करीब चार हजार रुपये आई है। यह उत्पाद करीब पांच से छह साल तक खराब नहीं होगा।

बार-बार लकड़ी जलाने की जरूरत नहीं

इस कुक स्टोव से वायु प्रदूषण भी बहुत कम होगा। एक बार लकड़ी जलाने के बाद इसका तापमान काफी देर तक बना रहेगा, जिससे बार-बार लकड़ी जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसमें एक ऐसा चैंबर है, जहां जलने से पहले लकड़ी स्टोर की जाएगी, जो अंदर की गर्मी से सूखती रहेगी। लकड़ी पूरी तरह सूखी होगी तो धुआं कम निकलेगा और जो निकलेगा वह चिमनी के माध्यम से कमरे के बाहर चला जाएगा।


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