आलाकमान से आश्वासन के बाद विधायक रमेश धवाला शांत, खेद पत्र भी लिखा; इन नेताओं से हुई बात
MLA Ramesh Dhawala भाजपा के कांगड़ा के विधायकों में उठा घमासान मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई वार्ता के बाद शांता हो गया।
शिमला, जेएनएन। भाजपा के कांगड़ा के विधायकों में उठा घमासान मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई वार्ता के बाद शांता हो गया। शुक्रवार को देर रात मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओकओवर में रमेश धवाला के साथ मंत्रणा हुई। इस दौरान रमेश धवाला ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी सभी मांगों और शिकायतों को रखा। मुख्यमंत्री ने धवाला की शिकायतों को सुनने के बाद उन्हें आश्वासन दिया कि भविष्य में उनके हलके के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं होगा। उनके कार्यों की खुद मुख्यमंत्री निगरानी करेंगे।
सूत्र बताते हैं कि बैठक के दौरान ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी बात की गई। उन्होंने भी विधायक रमेश धवाला को समझाया और आशवसन दिया। साथ ही कहा पार्टी के भीतर की बातों को हाईकमान या मुख्यमंत्री के समक्ष ही रखा जाए। इसे किसी भी रूप में सार्वजनिक मंच पर न लाया जाए। सूत्र बताते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ नेता शांता कुमार के साथ भी इस मसले पर विस्तार से चर्चा हुई।
उन्होंने भी विधायक को कहा कि किसी भी तरह से मामलों को सार्वजनिक मंच पर नहीं लाना चाहिए। सूत्रों की माने तो इसी मंत्रणा के दौरान विधायक को खेद पत्र लिखने की बात भी हुई। विधायक ने खेद पत्र लिखने के साथ ही ये पूरा मामला लगभग बाहरी तौर पर तो समाप्त हो गया।
महामंत्री के खिलाफ खोला था मोर्चा
विधायक ने पार्टी के महामंत्री पवन राणा के खिलाफ मोर्चा खोला था। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि उनके ही नहीं बल्कि कांगड़ा के मामलों में उनका हस्तक्षेप ज्यादा है। इससे विधायक कमजोर हो रहे हैं। इसका परिणाम अगले चुनावों में विपरीत पड़ सकता है।
धवाला का खेद पत्र, सरकार को नुकसान पहुंचाने की नहीं थी मंशा
विधायक रमेश धवाला ने अपने पत्र में कहा कि सरकार को नुकसान पहुंचने की कोई मंशा नहीं थी। विधायक रमेश धवाला ने अपने पत्र में लिखा है कि वीरवार को मीडिया के समक्ष भावुकता में आकर कुछ बातों का जिक्र किया है। जिसके लिए खेद प्रकट करता हूं। चार बार का विधायक हूं और संगठन का समर्पित कार्यकर्ता हूं। मेरी संगठन व सरकार को कोई भी नुकसान पहुंचाने की मंशा नहीं थी। मेरे कुछ विषय थे, उनके बारे मैंने मुख्यमंत्री के समक्ष पक्ष रखा। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि यह विषय संगठन के अंदर चर्चा करके हम समाधान करने का प्रयत्न करेंगे। मैं संगठन और सरकार को मजबूत करने के लिए हमेशा अपना सहयोग देता रहा हूं और आगे भी देता रहूंगा। मैं संगठन का समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते भावुकता में पूर्व में दिए गए अपने बयानों पर खेद प्रकट करता हूं।