विधायक प्राथमिकता बैठक : हर विधायक देगा छह प्राथमिकताएं
MLA Priority Meeting शिमला स्थित राज्य अतिथिगृह पीटरहाफ में सोमवार से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में दो दिवसीय विधायक प्राथमिकता बैठक होगी। इसमें प्रत्येक विधायक अगले वित्त वर्ष के लिए छह योजनाओं के लिए प्राथमिकता बताएंगे। ये प्राथमिकताएं नाबार्ड के तहत स्वीकृत होंगी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। MLA Priority Meeting, शिमला स्थित राज्य अतिथिगृह पीटरहाफ में सोमवार से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में दो दिवसीय विधायक प्राथमिकता बैठक होगी। इसमें प्रत्येक विधायक अगले वित्त वर्ष के लिए छह योजनाओं के लिए प्राथमिकता बताएंगे। ये प्राथमिकताएं नाबार्ड के तहत स्वीकृत होंगी। इसमें हर विधायक 135 करोड़ रुपये के तय मानदंडों के अधीन देगा। सरकार ने 2014-15 में विधायक प्राथमिकता के लिए 135 करोड़ रुपये की योजनाएं देने का दायरा निर्धारित किया था, जिसे न तो पिछली सरकार ने बढ़ाया और न ही वर्तमान ने। पहले दिन सात जिलों के विधायक अपने विधानसभा क्षेत्रों से जुड़ी प्राथमिकताएं रखेंगे। सुबह के सत्र में सोलन, बिलासपुर, मंडी जिलें होंगे। दोपहर बाद ऊना, हमीरपुर, कुल्लू व सिरमौर जिलों के विधायक प्राथमिकताएं रखेंगे। मंगलवार को शेष पांच जिलों के विधायक प्राथमिकताएं रखेंगे।
कांग्रेस विधायक डीपीआर का मामला उछालेंगे
कांग्रेस विधायक प्राथमिकताएं समय पर देने के बावजूद डीपीआर नहीं बनने का विषय प्रमुखता से उठाएंगे। इसके अतिरिक्त विपक्षी सदस्यों की ओर से दी गई योजनाओं को एफसीए से स्वीकृतियां नहीं मिली हैं, इस मुद्दे पर भी कांग्रेस विधायक सरकार को घेरेंगे।
भाजपा सरकार ने विधायक प्राथमिकता बैठक को महज औपचारिक बनाकर रख दिया है। नाबार्ड से कर्ज लेकर स्वीकृत होने वाली स्कीमों को लेकर सत्ता पक्ष के कुछ विधानसभा क्षेत्रों तक सीमित किया गया है। कांग्रेस विधायकों की ओर से दी जाने वाली प्राथमिकताओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता।
- मुकेश अग्निहोत्री, नेता प्रतिपक्ष।
प्रस्तावित प्रोजेक्टों के निर्माण में अधूरे दस्तावेज, टेंडर रद
लोक निर्माण व जल शक्ति विभाग से जुड़ी प्रस्तावित परियोजनाओं के निर्माण में निविदा भरने वाले अधिक रुचि नहीं ले रहे हैं। परिणामस्वरूप कई परियोजनाओं में निविदा संबंधी औपचारिकता अधूरी होने से निविदाएं रद की गई हैं। लोक निर्माण विभाग की सात परियोजनाओं में ऐसा सामने आया है, जबकि जल शक्ति विभाग में भी इसी तरह की स्थिति रही है। इसके अतिरिक्त स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शिमला व धर्मशाला में भी निर्माण कार्य से जुड़ी परियोजनाओं में अधूरे दस्तावेज होने के कारण निविदाएं रद की गई हैं। ऐसा भी पाया गया है कि प्रस्तावित परियोजना के लिए एक निविदा प्राप्त हुई। ऐसे में महत्वपूर्ण परियोजनाओं का निर्माण कार्य आगे खिसक सकता है और तय समयावधि में कार्य पूरा नहीं हो सकेगा।
सुंदरनगर लोक निर्माण मंडल के तहत सतलुज नदी पर एक सुरक्षा दीवार का निर्माण कार्य होना था। निविदा के लिए आवेदनकर्ता ने आवश्यक दस्तावेज नहीं लगाए थे। परिणामस्वरूप एनटीपीसी सुरंग के साथ दीवार का निर्माण शीघ्र शुरू नहीं हो सकेगा। इसके अतिरिक्त स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्य शिमला व धर्मशाला के लिए प्रस्तावित हैं, जिनमें धर्मशाला मिनी सचिवालय में लिफ्ट मरम्मत कार्य और शिमला के चौड़ा मैदान में लाइट गाज स्टील फ्रेम तकनीक से बुक कैफे से जुड़ी निविदा रद हुई है। चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के लिए जलापूर्ति योजना की निविदा भी सिरे नहीं चढ़ सकी। रद की गई निविदाओं में करीब 20 करोड़ के कार्य शामिल हैं।