मुख्यमंत्री के आह्वान पर विधायकों ने भी नहीं छोड़ी राशन सब्सिडी, अधिकारियों ने पहल ही नहीं की
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के अधिकारियों से राशन की सब्सडी को स्वेच्छा से छोड़ने के लिए कहा है।
शिमला, जेएनएन। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के अधिकारियों से राशन की सब्सडी को स्वेच्छा से छोड़ने के लिए कहा है। प्रदेश अपने ताजा संदेश में प्रदेश के प्रथम श्रेणी व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों से सब्सिडी छोड़ने के लिए कहा है जिससे पिछड़े व गरीबों को मिल सके। प्रदेश में अभी तक पचास से भी कम लोगों ने सब्सिडी को छोड़ा है। करीब दो वर्ष पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा में मंत्रियों द्वारा सब्सिडी छोड़ने का एलान किया था और विधायकों ने भी इसका समर्थन किया था।
प्रदेश विधानसभा में वर्तमान में 68 विधायक हैं और जिन 50 से कम लोगों ने सब्सिडी छोड़ी है, उनमें मंत्रियों के अलावा कुछ विधायक और सामान्य लोग हैं। प्रदेश में प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों की संख्या 10500 है। कोराेना संकट में अधिकारियों के साथ संपन्न लोगों से भी सब्सिडी छोड़ने के लिए कहा गया है। इससे पूव मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बजट भाषण में मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों और संपन्न वर्ग से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरित किए जाने वाले खाद्यान्नों को स्वेच्छा से छोड़ने का अनुरोध किया था।
सब्सिडी छोड़ने के लिए विभाग ने इस उद्देश्य के लिए फार्म निर्धारित किया है, जिसे सभी विभागीय वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। कोई भी इच्छुक व्यक्ति इस फार्म को भरने के उपरांत संबंधित निरीक्षक को जमा करवाकर अपनी सब्सिडी छोड़ सकता है। इसके लिए विभाग के टोल फ्री नंबर 1967 पर संपर्क किया जा सकता है।
राशन पर करीब 110 रुपये प्रति परिवार की सब्सिडी
राशन कार्ड पर मिलने वाली सब्सिडी प्रति परिवार 110 रुपये है जिसमें दालें, नमक, तेल और चीनी शामिल है। यह प्रदेश सरकार वहन करती है। जबकि आटा और चावल का कोटा प्रति परिवार अलग से जो केंद्र सरकार की तरफ से जारी होता है वह इस 110 रुपये में शामिल नहीं है।