शिमला संसदीय क्षेत्र से प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कांगड़ा से मंत्री तय, संतुलन बनाने की तैयारी
सिरमौर जिले से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद अब फिर से मंत्री पद के लिए कांगड़ा की दावेदारी और मबजूत हो जाएगी।
धर्मशाल/शिमला, जेएनएन। सिरमौर जिले से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद अब फिर से मंत्री पद के लिए कांगड़ा की दावेदारी और मबजूत हो जाएगी। हालांकि विधायकों की संख्या के मुताबिक कांगड़ा जिले की स्थिति पहले से ही मजबूत थी, लेकिन अध्यक्ष कांगड़ा से बनता तो मंत्री पद के लिए दावेदारी कमजोर पड़ सकती थी, लेकिन अब फिर से कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के संतुलन को बनाए रखने के लिए सरकार में स्थान देना जरूरत बनती दिख रही है। इसमें लाटरी किसकी लगती है ये तो समय ही तय करेगा, क्योंकि नए अध्यक्ष की घोषणा के बाद किसी के नामों की चर्चा तर्कसंगत नहीं होगी, लेकिन क्षेत्रीय संतुलन में कांगड़ा और हमीरपुर संसदीय क्षेत्र को कुछ देने की जरूरत है।
सरकार में मंत्रियों के चार पद खाली हैं और कांगड़ा से भी मंत्रियों के दो पद खाली हुए हैं। शिमला संसदीय क्षेत्र के दो मंत्री के साथ अध्यक्ष भी है। वहीं मंडी में मुख्यमंत्री के साथ दो मंत्री भी हैं। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र पर नजर दौड़ाएं तो यहां से दो मंत्री हैं, ऊना जिले से वीरेंद्र कंवर को सरकार में स्थान दिया है। वहीं, कांगड़ा के जसवां परागपुर जो हमीरपुर संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है यहां के विधायक बिक्रम ठाकुर मंत्री हैं।
कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से मंत्री महज सरवीण चौधरी हैं, हंसराज विधानसभा उपाध्यक्ष हैं। विपिन परमार विधानसभा अध्यक्ष हैं। ऐसे में संसदीय क्षेत्र से सरकार में उचित स्थान पाने के लिए कांगड़ा के नेता सरकार के समक्ष पक्ष रख सकते हैं। सरकार में लोकसभा सांसद किशन कपूर, विधायक अनिल शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार के जाने के बाद मंत्री की सीट खाली हैं। एक सीट तो पहले ही सरकार में खाली चल रही थी।
हाईकमान की मंजूरी के बाद होगा विस्तार
भाजपा में कैबिनेट विस्तार से लेकर अन्य सभी फैसलों पर मुहर पार्टी हाईकमान की सहमति के बाद ही लग रही है। इसलिए उम्मीद है कि आने वाले समय में भाजपा के किन विधायकों को सरकार में स्थान मिलता है, इस पर भी अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान ही लेगी।
राकेश पठानिया लंबे समय से पेश कर रहे दावेदारी
नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया लंबे समय से मंत्री पद के लिए मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। इस मसले पर पार्टी हाईकमान की ओर से यदि कोई फैसला लिया जाता है तो आने वाले समय में सरकार की ओर से मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला लिया जा सकता है।