अवैध खनन रोकने के लिए अब बैरियर स्थापित करेगा विभाग, नई अधिसूचना के बाद हरकत में अधिकारी
Mining in Himachal स्टोन क्रशर यूनिटों में सरकार द्वारा खनन के लिए नई अधिसूचना जारी करने के तुरंत बाद खनन विभाग एक्शन में आ गया है।
नूरपुर, जेएनएन। स्टोन क्रशर यूनिटों में सरकार द्वारा खनन के लिए नई अधिसूचना जारी करने के तुरंत बाद खनन विभाग एक्शन में आ गया है। जिला कांगड़ा के नूरपुर, फतेहपुर, इंदौरा तथा जवाली में खनन की जांच करने के लिए विभाग ने कमर कस ली है। नूरपुर, फतेहपुर, जवाली, इंदौरा में कुल 12 लोकेशन चिह्नित की गइ्र हैं। जहां अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए बैरियर तथा धर्म कंडा स्थापित किए जाएंगे। बैरियर की स्थापना की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव विभाग ने प्रदेश भू-वैज्ञानिक विभाग को भेज दिया है। स्वीकृति मिलने के बाद खनन विभाग लोक निर्माण विभाग व एनएचएआइ से एनओसी लेगा।
खनन विभाग ने कंडवाल क्षेत्र में आरटीओ बैरियर तथा रेलवे पुल के दो बैरियर स्थापित करने के लिए जगह चिह्नित कर ली है तथा इसके अलावा कंडवाल-भदरोआ संपर्क मार्ग में बाड़ी खड्ड, पठानकोट-डमटाल सड़क चक्की पुल, कंदरोड़ी- काठगढ़, मिलवां, पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राज मार्ग पर 32 मील पर, स्पैल क्षेत्र (ज्वाली-देहरा सड़क) तथा स्थाना में जगह चिह्नित की गई है।
उधर, खनन अधिकारी नीरज कांत ने कहा कि खनन विभाग पुलिस तथा अन्य विभागों के सहयोग से जिला कांगड़ा के निचले क्षेत्रों जो पंजाब बॉर्डर से जुड़े हैं, उन पर अवैध खनन पर शिकंजा कसेगा।
मुआवजा न मिला तो होगा आंदोलन
उपमंडल पालमपुर व जयसिंहपुर के किसानों ने खेतों में बिछाई जा रही विद्युत लाइन एवं टावर स्थापित करने वाली निजी कंपनी पर मनमर्जी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि निजी कंपनी निजी भूमि पर टावर स्थापित कर रही है। बुधवार को किसानों ने इंसाफ संस्था अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक प्रवीण कुमार की अगुवाई में एसडीएम को ज्ञापन सौंप कंपनी की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है। किसानों ने कहा कि निजी कंपनी 220 केवी उच्च क्षमता के टावर लाइन का निर्माण कर रही है। आरोप लगाया कि पेड़ों को बिना मुआवजा व मूल्यांकन के काटा जा रहा है।
पूर्व विधायक ने कहा कि टावर लाइन के निर्माण से पहले लोगों को सूचना देना और उनकी आपत्तियां लेना जरूरी होता है तथा रिमोट लैंड, कृषि भूमि व प्राइम लैंड के रेट ऑर्डर के माध्यम से प्रापर्टी का मूल्यांकन व उचित मुआवजा निर्धारण करना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने जिला व उपमंडल प्रशासन को चेताया कि यदि 15 दिन में मुआवजा व नुक्सान की भरपाई न की गई तो संस्था किसानों के साथ जन आंदोलन छेड़ेगी।