भाप इंजन की सवारी के लिए ब्रिटिश नागरिकों ने खर्च किए लाखों, ताजा की पुरानी यादें
British citizens to ride steam engines in Pathankot . ब्रिटिश शासनकाल में महज तीन साल में बनाए गए पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलमार्ग में फिर से आप भाप इंजन में यात्रा का आनंद उठा सकते हैं। इसके लिए आपको पहले इसकी बुकिंग करवानी होगी।
मुनीष सूद, पपरोला। शुक्रवार से अंग्रेजों के जमाने का भाप इंजन पालमपुर से पपरोला के लिए चलना शुरू हो गया। इस कड़ी में भाप इंजन के साथ तीन डिब्बे जोड़कर पहले इसे पपरोला से पालमपुर पहुंचाया गया और उसके बाद पालमपुर में इंतजार कर रहे 16 ब्रिटिश नागरिकों को उस में बिठाकर इस भाप इंजन ने पपरोला तक का सफर तय किया।
यहां बता दें कि इन ब्रिटिश नागरिकों ने दो महीने पहले इस भाप इंजन को 1 लाख 37 हजार रुपये चुका कर इसमें यात्रा करने के लिए बुक किया था। इसे चलाने के लिए स्पेशल कोयला भी फिरोजपुर से मंगवाया गया था और ड्राइवर आदि की व्यवस्था भी रेलवे विभाग ने की थी। शुक्रवार को फिरोजपुर के डीआरएम विवेक कुमार भी इस मौके के गवाह बने और उन्होंने बताया कि यह इंजन पपरोला इंजन शैड में ही खड़ा होगा। इसे किराए पर लेकर चलाया जा सकेगा यह पालमपुर से बैजनाथ तक यात्रियों को सफर करवाएगा।
विवेक कुमार ने बताया कि जोगेंद्रनगर-पठानकोट रेल लाइन को हेरीटेज घोषित करने के प्रयास किए जा रहे है । स्टीम इंजन अब विदेशी पर्यटकों को पालमपुर की वादियों की सैर कराएगा, जिसके लिए विदेशी पर्यटकों ने अपनी खासी दिलचस्पी दिखाई है जल्दी ही इस रेल सेक्शन पर नए इंजन उतारे जाएंगे जब उन से पूछा गया कि बरसात के दिनों में रेल ट्रैक कई महीनों से बंद रहता है तो उस की समय रहते मरम्मत क्यों नहीं की जाती है तो उन का कहना था कि बरसात के मौसम में सुरक्षा के लिहाज से यह मार्ग बंद कर दिया जाता है और स्थिति हर साल ऐसे ही बनी रहती है।
पुरानी यादों को ताजा करने आए थे ब्रिटिश
इस भाप के इंजन में सफर करने वाले 16 ब्रिटिश नागरिकों में शामिल जेम्स और कॉक ने बताया कि यह रेलमार्ग उनके पूर्वजों द्वारा बनाया गया है तथा की भाप इंजन भी उसी समय का है उन्होंने अपने पूर्वजों की पुरानी यादों और हिमाचल की सुंदर वादियों को निहारने और इस सफर का आनंद लेने के लिए स्टीम इंजन को बुक करवाया था।