कूड़े के पहाड़ में लगी आग से दूषित हुई धर्मशाला की आबोहवा Kangra News
पांच दिनों से धर्मशाला की डं¨पग साइट लगी आग से उठता जहरीला धूंआ यहां के लोगों के लिए आफत बना हुआ है।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। नगर निगम धर्मशाला की डंपिंग साइट में पांच दिन से लगी आग के कारण उठता जहरीला धुआं लोगों के लिए आफत बना है। खासकर सुधेड़वासियों व हिमाचल पथ परिवहन निगम की वर्कशॉप में तैनात 80 तकनीकी कर्मचारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि धुएं के कारण वर्कशॉप में कार्यरत दो मैकेनिक खांसी की चपेट में आए गए हैं, लेकिन समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन, नगर निगम प्रशासन और न ही परिवहन निगम गंभीर है।
बेबस कर्मचारियों ने अब इस मामले को खुद ही सरकार तक पहुंचाने का फैसला लिया है। कर्मचारियों का कहना है कि वह इस मामले को रविवार को जोरावर स्टेडियम में होने वाले जनमंच कार्यक्रम के दौरान वन मंत्री गो¨वद ठाकुर के समक्ष उठाएंगे। बड़ी बात यह है कि डंपिंग साइट में लगी आग को बुझाने में अग्निशमन विभाग भी नाकाम रहा है।
वन विभाग से एनओसी लिए बिना बनाई थी डंपिंग साइट
नगर परिषद धर्मशाला ने वर्ष 2000 में सुधेड़ पंचायत में डंपिंग साइट का निर्माण करवाया था। बड़ी बात यह है कि उस समय नगर परिषद ने इस संबंध में वन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) भी नहीं लिया था। अब जब इसका पता चला है तो न्यायालय के आदेश के बाद वन विभाग ने नगर निगम को औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा है।
डंपिंग साइट में आता है 17 वार्डो का कूड़ा
जिस समय डंपिंग साइट बनाई थी उस दौरान नगर परिषद के तहत 11 वार्ड थे। नगर निगम बनने के बाद वार्डो की संख्या 17 हो गई है और इनमें करीब 55 हजार की आबादी है। एकमात्र डंपिंग साइट में रोजाना काफी मात्रा में कूड़ा आता है। नगर निगम ने यहां सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित करने का फैसला लिया था लेकिन 2016 से आज दिन तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में यहां कूड़े का ढेर दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है, लेकिन उसका निस्तारण नहीं हो पा रहा है।
गर्मियों में धुआं, बरसात में बदबू
डंपिंग साइट के कारण सुधेड़वासी और एचआरटीसी के तकनीकी कर्मचारी साल के छह माह परेशानियों का सामना करते हैं। गर्मियों में धुएं और बरसात में डंपिंग साइट की बदबू के कारण लोगों का मर्ज बढ़ जाता है।
मास्क लगा काम कर रहे कर्मचारी
एचआरटीसी के तकनीकी कर्मचारी पिछले चार दिन से मुंह में मास्क बांधकर काम कर रहे हैं। दोपहर को खाना खाने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जहरीले धुएं के कारण घर से बाहर निकलना तो दूर, अंदर रहना भी मुश्किल हो गया है। अगर क्षेत्रवासी बीमार हुए तो इसकी जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की होगी। -सविता कपूर।
डंपिंग साइट को शीघ्र शिफ्ट किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे हर आदमी परेशान है। एक कोने से उठ रहा धुआ पूरे शहर की आबोहवा को प्रभावित कर रहा है। ऊषा कपूर।
पिछले पांच दिन से डंपिंग साइट से उठ रहे जहरीले धुएं से खासी की शिकायत होने लगी है। इस बाबत जिला प्रशासन को पत्र लिखा जाएगा। रविवार को जनमंच के दौरान मंत्री गो¨वद ठाकुर के माध्यम से सरकार के समक्ष इस समस्या को उठाया जाएगा। -संजय कुमार, प्रधान तकनीकी कर्मचारी संघ, एचआरटीसी धर्मशाला।
वर्कशॉप में रोजाना 90 कर्मचारी आते हैं। हर रोज निगम की 60 से 70 बसों का कार्य किया जाता है। धुएं के कारण बीमारी फैलने का डर सताने लगा है। -अनूप चौधरी, उपप्रधान, तकनीकी कर्मचारी संघ, एचआरटीसी धर्मशाला।
डंपिंग साइट के संबंध में न्यायालय में केस किया जाएगा। इस संबंध मे औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। पांच दिन बाद भी आग पर नियंत्रण पाने में नगर निगम प्रशासन और अग्निशमन विभाग के कर्मचारी नाकाम रहे हैं। -सुनीता ठाकुर, प्रधान वागेश्वरी महिला मंडल, सुधेड़।
धुएं के कारण सांस व छाती से संबंधित बीमारिया हो सकती हैं। मुख्य रूप से बच्चों व बुजुर्गो को ऐसे ज्यादा नुकसान होता है। कोशिश करें कि जब तक यह धुआं उठ रहा है तब तक दोनों श्रेणियों के लोग क्षेत्र में जाने से परहेज करें। जो लोग यहां रह रहे हैं वे मास्क का प्रयोग करें। -डॉ. गुरदर्शन गुप्ता, सीएमओ, कांगड़ा।
धुएं के कारण वर्कशॉप समेत कार्यालय के कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन से बात की जाएगी। -पंकज चड्ढा, आरएम, एचआरटीसी, धर्मशाला।
दमकल विभाग के सहयोग से लगातार आग बुझाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभी तक आग सुलग रही है। इसका स्थायी हल निकाला जा रहा है। -देवेंद्र जग्गी, महापौर, नगर निगम धर्मशाला।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप